अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सरकार को धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार कोरोना से लड़ने वाली दवा अमेरिका को निर्यात नहीं करती, तो उसे इसके लिए दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते थे।
कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने ट्रंप को जवाब देते हुए अपने ट्वीट में लिखा- “वैश्विक मामलों में दशकों के अपने अनुभव में मैंने किसी राष्ट्राध्यक्ष या सरकार को दूसरे देश की सरकार को इस तरह खुलेआम धमकी देते हुए नहीं सुना. मिस्टर राष्ट्रपति? भारत में जो हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन बनाती है वो “हमारी घरेलू आपूर्ति” के लिए है. यह आपके लिए आपूर्ति का विषय तब बनेगा जब भारत इस दवा को आपको बेचने का फैसला करता है.”
Never in my decades of experience in world affairs have I heard a Head of State or Govt openly threatening another like this. What makes Indian hydroxychloroquine "our supply", Mr President? It only becomes your supply when India decides to sell it to you. @USAndIndia https://t.co/zvSPEysTNf
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) April 7, 2020
दरअसल, कोरोना से लड़ने में मलेरिया की दवाई हाइड्रोऑक्सिक्लोरोक्विन काफ़ी कारगर साबित हो रही है। भारत इस दावा को बड़ा निर्यातक है। ऐसे में इस दावा की सप्लाई के लिए अमेरिका ने पिछले महीने भारत से बात की थी। लेकिन भारत में भी कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी।
भारत के इस फैसले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकीभरे अंदाज़ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से रविवार सुबह इस मुद्दे पर बात की थी। अगर वे दवा की आपूर्ति की अनुमति देंगे तो हम उनके इस कदम की सराहना करेंगे। अगर वे सहयोग नहीं भी करते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन उन्हें इसका अंजाम भुगतना होगा।
ट्रंप की इस धमकी के बाद भारत सरकार दवा की आपूर्ति के लिए तैयार हो गई है। विदेश विभाग के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ हमेशा से सहयोग किया और बेहतर संबंध रखे। कई देशों में भारत के लोग रह रहे हैं, कोरोना के चलते उन्हें निकाला गया। मानवीयता के आधार पर सरकार ने फैसला लिया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल को पड़ोस के उन देशों को भी भेजा जाएगा, जिन्हें हमसे मदद की आस है।’’