अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सरकार को धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार कोरोना से लड़ने वाली दवा अमेरिका को निर्यात नहीं करती, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अमेरिका की इस धमकी के बाद भारत सरकार दवा को निर्यात करने के लिए तैयार हो गई है। सरकार के इस कदम की आलोचना हो रही है। लोग ट्रंप कि धमकी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद कर रहे हैं। दरअसल, इंदिरा गांधी ने अपने समय में भारत को धमकी देने वाले बड़े देशों को चेतावनी दी थी।
इंदिरा गांधी की इसी बेबाकी को याद करते हुए कांग्रेस के पूर्व सांसद राकेश सचान ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अख़बार की कटिंग को ट्वीट करते हुए लिखा, “एक समय था जब इंदिरा जी ने अमेरिका से कहा था, ‘औकात में रहो कोई भी भारत को आदेश देने का दुस्साहस न करे। एक समय है जब हमारे पीएम ने वहां के राष्ट्रपति पर सौ करोड़ खर्च भी किया और अब वो हमे धमकी दे रहे हैं।”
एक समय था जब इंदिरा जी ने अमेरिका से कहा था, 'औकात में रहो कोई भी भारत को आदेश देने का दुस्साहस न करे।'
एक समय है जब हमारे पीएम ने वहां के राष्ट्रपति पर सौ करोड़ खर्च भी किया और अब वो हमे धमकी दे रहे हैं।@INCUttarPradesh @priyankagandhi @RahulGandhi @INCIndia pic.twitter.com/03PabQMzeg
— राकेश सचान #StayHomeSaveLives (@Rakesh_Sachan_) April 7, 2020
ग़ौरतलब है कि कोरोना से लड़ने में मलेरिया की दवाई हाइड्रोऑक्सिक्लोरोक्विन काफ़ी कारगर साबित हो रही है। भारत इस दावा को बड़ा निर्यातक है। ऐसे में इस दावा की सप्लाई के लिए अमेरिका ने पिछले महीने भारत से बात की थी। लेकिन भारत में भी कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी।
भारत के इस फैसले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकीभरे अंदाज़ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से रविवार सुबह इस मुद्दे पर बात की थी। अगर वे दवा की आपूर्ति की अनुमति देंगे तो हम उनके इस कदम की सराहना करेंगे। अगर वे सहयोग नहीं भी करते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन उन्हें इसका अंजाम भुगतना होगा।
ट्रंप की इस धमकी के बाद भारत सरकार दवा की आपूर्ति के लिए तैयार हो गई। विदेश विभाग के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ हमेशा से सहयोग किया और बेहतर संबंध रखे। कई देशों में भारत के लोग रह रहे हैं, कोरोना के चलते उन्हें निकाला गया। मानवीयता के आधार पर सरकार ने फैसला लिया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल को पड़ोस के उन देशों को भी भेजा जाएगा, जिन्हें हमसे मदद की आस है।’’