भारत में फैले कोरोना और लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद हिंदूवादी संगठनों द्वारा बड़े स्तर पर चीन का विरोध किया जा रहा है। देश के नागरिकों को बेवकूफ समझने वाली मोदी सरकार ने दिखावे के तौर पर कई बड़ी चीनी एप्स को भारत में बैन कर दिया है।
जिसके बाद मोदी भक्तों ने अपने घरों में खूब खुशियां मनाई और सोशल मीडिया पर चीन के खिलाफ कई तरह के अनाप-शनाप बातें लिखी। लेकिन अब मोदी सरकार ने इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन को लेकर हरी झंडी दे दी है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि चीनी एप्स को बैन करने का दिखावा करने वाली मोदी सरकार ने आईपीएल के स्पॉन्सर Vivo को हटाने का फैसला टाल दिया है।
आपको बता दें कि इस साल इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन दुबई में किया जा रहा है। इस बार आईपीएल 19 सितंबर से लेकर 10 नवंबर तक खेला जाएगा लेकिन सोशल मीडिया पर अब आईपीएल के स्पॉन्सर वीवो को लेकर बवाल मचा हुआ है। दरअसल बीसीसीआई ने ये साफ़ कर दिया है कि इस आईपीएल के स्पॉन्सर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
इस मामले में चर्चित आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मोदी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘IPL-2020 की प्रमुख प्रायोजक एक चीनी कंपनी, किसी की शहादत, किसी की भावना, किसी की मुनाफाखोरी। ना बाप बड़ा, ना भैया, सबसे बड़ा रुपय्या।’
आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के इस ट्वीट पर एक यूज़र ने जवाब में सरकार की दोगली नीति पर प्रहार किया है। भारत सरकार को तुरंत बीसीसीआई पर बैन लगाना चाहिए यह बिल्कुल देशद्रोह की हरकत है चीनी कंपनी को बैन कर रहे हैं और एक तरफ से उनको स्पॉन्सर कर रहे हैं।
सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि चीनी वस्तुओं को boycott करने का जिम्मा आम ग़रीब जनता को सौंपा गया है। पैसे वाले चाहें तो चीन के साथ जितना चाहें उतना व्यापार करें, लड़ने-मरने के लिए बहुत हैं यहाँ।