पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी घटनाक्रम तेज हो गए हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के 21 नेता टीएमसी में शामिल हो सकते हैं।

बताया जा रहा है कि भाजपा छोड़ टीएमसी में शामिल होने का मन बनाने वाले नेताओं में 4 सांसद और एक विधायक शामिल हैं। हालांकि भाजपा ने इस तरह की खबरों को खारिज किया है।

राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक इनमें से ज्यादातर नेता टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और अब यह घर वापसी की योजना बना रहे हैं। गौरतलब है कि अगर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले यह सभी नेता बीजेपी छोड़ टीएमसी में शामिल होते हैं तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी जीत साबित हो सकती है।

बीजेपी नेताओं के टीएमसी में शामिल होने की खबरों से प्रदेश कमान पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। बताया जाता है कि भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इन खबरों को भ्रामक और शरारतपूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया है।

उनका कहना है कि सभी भाजपा सांसद पार्टी के साथ है। पश्चिम बंगाल के सारे भाजपा सांसद पार्टी के साथ हैं और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास में लगे हैं।

दरअसल बीजेपी नेता मुकुल रॉय और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के बीच बीते कुछ समय से तनातनी चल रही है। जिसके पीछे का कारण यह बताया जाता है कि इसी साल दिलीप घोष को पार्टी ने दोबारा अध्यक्ष बनाया है।

जिससे टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए मुकुल रॉय और उनके समर्थक नाराज हैं। इसी के चलते बीजेपी नेता मुकुल रॉय और उनके समर्थकों के पार्टी छोड़ने की चर्चा जोरों शोरों पर है।

इस मामले में पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बीजेपी नेताओं के टीएमसी में शामिल होने की खबरों को महज अफवाह बताया है।

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