बिहार में बढ़ रहे अपराध और बेरोजगारी की वजह से नीतीश सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी रहती है।

बीते दिनों राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नीतीश कुमार के कुशासन के खिलाफ मार्च निकाला था।

विपक्षी दलों का कहना है कि नीतीश सरकार के शासनकाल में राज्य की जनता बेहाल हो चुकी है।

इसका एक जीता जागता उदाहरण हमें पटना के दूसरे अस्पताल एनएमसीएच से देखने को मिला है। जहाँ सेना के पूर्व जवान की मौत अस्पताल के गेट पर ही तड़प-तड़प कर हो गई।

बताया जाता है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मंगलवार को एनएमसीएच के कोरोना महामारी को लेकर किए गए प्रबंधन का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे।

जिसके चलते पूरा अस्पताल प्रशासन राज्य स्वास्थ्य मंत्री के स्वागत में जुट गया। इसी दौरान अस्पताल के ठीक बाहर सेना का पूर्व जवान अस्पताल के स्ट्रेचर पर ही तड़पते हुए अपनी आखिरी सांसें गिन रहे थे।

मृतक के परिजन अस्पताल प्रशासन के आगे उन्हें भर्ती करवाने के लिए गुहार लगाते रहे। लेकिन पूरा अस्पताल प्रशासन पीपीई किट पहने राज्य स्वास्थ्य मंत्री के स्वागत में इधर-उधर घूमते रहे।

मीडिया से बातचीत करते हुए मृतक के बेटे ने बताया कि जब वह एनएमसीएच अपने पिता के इलाज के लिए पहुंचे। तो उनकी हालत काफी गंभीर थी।

वह अस्पताल प्रशासन से बार-बार यही कह रहे थे कि उनके पिता को अस्पताल में भर्ती कर दीजिए। लेकिन किसी ने उनकी एक भी नहीं सुनी।

इसी मामले में जब राज्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से यह सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि हम कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

लेकिन जब भी कोई ऐसी घटना घटती है तो हमें उसकी पीड़ा जरूर होती है।

शर्मनाक बात यह है कि मृतक के परिजन अस्पताल के बाहर बैठकर छाती पीट-पीटकर रोते रहे और ठीक सामने राज्य स्वास्थ्य मंत्री कैमरे की शोभा बढ़ाते मीडिया से बात करते रहे।

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