महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में आने वाला सबसे पहला राज्य है। जहां पर हालात को खराब देखते हुए महाराष्ट्र सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया।
महाराष्ट्र में अब तक लाखों लोग इस खतरनाक संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। हर दिन राज्य में हजारों लोग मर रहे हैं।
दरअसल महाराष्ट्र के भी कई अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड्स की कमी के चलते हालात चिंताजनक है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राकेश टोपे राज्य ने ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार से अपील भी कर चुके हैं।
जिस पर अभी तक सरकार द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। अब महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने भाजपा पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने देश में चल रही चुनावी रैलियों और हरिद्वार में हुए महाकुंभ मेले को लेकर समय रहते कड़े निर्देश दिए होते। तो आज देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति इस तरह से भयावह नहीं बनी होती।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार से कोरोना संकट के चलते ऑक्सीजन सप्लाई और वैक्सीनेशन को लेकर बनाए गए नेशनल प्लान को सांझा करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरकार से मांगे गए नेशनल प्लान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा है कि अगर देश में चुनावी रैलियां और महाकुंभ ना होते। तो आज लोगों को इस तरह से मरना न पड़ता।
शिवसेना ने मोदी सरकार से पूछा है कि दिल्ली में जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले लोगों का जिम्मेदार कौन है?
हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी और उनके साथियों ने इस देश को स्वर्ग बनाने की बात कही थी आज हमें सिर्फ श्मशान और कब्रिस्तान नजर आ रहे हैं। क्या यह नरक है ?