नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे जामिया के छात्र-छात्राओं पर दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। तमाम वीडियो और तस्वीरों से साफ देखा जा सकता है कि दिल्ली पुलिस के लोग छात्र-छात्राओं को घसीट घसीट कर बेरहमी से मारपीट रहे हैं, उन पर लाठियां बरसा रहे हैं।
जामिया के आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बनाया गया है, दिल्ली पुलिस ने इसे छावनी के रूप में बदल दिया है। दूसरी तरफ छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बताया है हालांकि उनकी तरफ से भी पत्थरबाजी की कई तस्वीरें सामने आई हैं।
अगर प्रोटेस्ट एक शांतिपूर्ण मार्च था तो फिर पत्थरबाजी करने वाले अराजकों पर एक्शन लेने के बजाय दिल्ली पुलिस प्रोटेस्ट करने वाले छात्र छात्राओं को क्यों पीट रही है!
सबसे बड़ा सवाल उठता है कि शांतिपूर्ण मार्च के लिए इकट्ठा हुए लोगों को हिंसक भीड़ में बदलने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज क्यों किया गया ? जामिया से आ रही तस्वीरों से भले ये बात स्थापित हो जाए कि हिंसक कार्यवाही दोनों तरफ से की गई, फिर भी सरकार से सवाल होता रहेगा कि शांति मार्च को लाठीचार्ज के जरिए हिंसक भीड़ के रूप में क्यों बदला गया ?
दरअसल नागरिकता संशोधन बिल भले ही लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है लेकिन देशभर में सड़कों पर उसका जमकर विरोध हो रहा है।
जामिया में छात्र-छात्राओं ने कल रात को विरोध प्रदर्शन किया था और आज इसे बड़ा रूप देते हुए जामिया से लेकर संसद तक शांति मार्च का आयोजन किया था। दिल्ली पुलिस सुबह से बैरिकेडिंग कर रही थी और मौका देखकर छात्र-छात्राओं पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया।