नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन का सामना अब असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को भी करना पड़ा। वह इस प्रदर्शन के चलते तकरीबन 20 मिनट तक एयरपोर्ट पर ही फंस रहे और अपने काफिले के साथ बाहर नहीं निकल सके।
दरअसल, तेजपुर से लौटे सर्बानंद सोनोवाल गुवाहाटी एयरपोर्ट से बाहर निकलना चाहते थे। लेकिन एयरपोर्ट के बाहर बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी इकट्ठा थे, जो उनका नारेबाज़ी कर विरोध कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों के इस विरोध को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री को एयरपोर्ट से बाहर निकलने से रोक दिया। प्रदर्शन के चलते मुख्यमंत्री को तकरीबन 20 मिनट तक एयरपोर्ट पर ही इंतेज़ार करना पड़ा।
असमः सिटिज़नशिप बिल का विरोध, प्रदर्शनकारियों ने 20 मिनट तक CM सोनोवाल को एयरपोर्ट पर रोका
हालांकि थोड़ी देर बाद वहां भारी पुलिस बल आया और कड़ी मशक्कत के बाद प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री को एयरपोर्ट से बाहर निकाला गया और वह आवास के लिए रवाना हो गए।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के विरोध पर पत्रकार विनोद कापड़ी ने लिखा- #CABBill के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की वजह से असम के मुख्यमंत्री तक फँस गए हैं और संसद में बताया जा रहा है कि देश खुश हैं और हालात सामान्य हैं।
#CABBill के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की वजह से असम के मुख्यमंत्री तक फँस गए हैं और संसद में बताया जा रहा है कि देश खुश हैं और हालात सामान्य हैं। https://t.co/ReYh8DbZal
— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 11, 2019
इससे पहले बीते कल भी बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं को गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा था। मंगलवार दोपहर को बीजेपी के असम प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास के काफिले पर प्रदर्शनकारियों ने उस वक्त हमला बोल दिया था, जब वह राजधानी दिसपुर जा रहे थे। इस दौरान उनके काफिले में असम के मंत्री नाबा कुमार डोली और सिद्धार्थ भट्टाचार्य भी मौजूद थे।
बता दें कि पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक का सबसे ज़्यादा विरोध हो रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों के स्वदेशी लोगों का मानना है कि इस नागरिकता बिल के ज़रिए जिन शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। उनसे उनकी पहचान, भाषा और संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी।
पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों का मानना है कि इस बिल के आते ही वे अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक बन जाएंगे और इस बिल से उनकी पहचान और आजीविका पर खतरा मंडराने लगेगा।