पश्चिम बंगाल के चुनावी घमासान के बीच पारदर्शिता को लेकर चिंता बढ़ गई है। चुनाव आयोग ने उलूबेरिया उत्तर सीट पर तैनात अपने ही अधिकारी को सस्पेंड कर दिया क्योंकि उसे एक टीएमसी नेता के घर पर 4 EVM और 4 वीवीपैट (VVPAT) मशीनों के साथ सोता हुआ पकड़ा गया। इनमें से एक रिजर्व्ड EVM मशीन भी थी।

दरअसल, सोमवार को उलूबेरिया उत्तर से भाजपा उम्मीदवार चिरन बेरा ने आरोप लगाया था कि टीएमसी नेता गौतम घोष के घर से ईवीएम और वीवीपैट की मशीनें मिली हैं।

चुनाव अधिकारी तपन सरकार को घोष का रिश्तेदार बताया जा रहा है और इतनी बड़ी गलती के चलते उसे मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया।

इसपर पत्रकार अभिनव पांडेय ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा, “फिर गजब हुआ है !

पश्चिम बंगाल के उलबेरिया में TMC लीडर गौतम घोष के रिश्तेदार के घर 4 EVM मिली है।

EVM के पैर तो कानून के हाथ से भी लम्बे होते जा रहे हैं। कभी यहां तो कभी वहां पहुंचा रहता है। चुनाव आयोग ! आखिर ये गजब हो क्यों रहा है ?”

तपन को उलूबेरिया उत्तर के हावड़ा सेक्टर 17 पर चुनाव के लिए नियुक्त किया गया था। NDTV की खबर के मुताबिक उस चुनाव अधिकारी से जुड़े पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होगी।

आरोपी अधिकारी का कहना है कि वो इलाके में देरी से पहुंचा था और उसे पोलिंग बूथ बंद मिला। इसके बाद उसने अपने टीएमसी रिश्तेदार के घर पर रात बिताना सही समझा क्योंकि उसको दूसरी कोई “महफूज़ जगह” नहीं मिली।

क्या किसी चुनाव अधिकारी के लिए एक नेता का घर “महफूज़” होता है, वो भी तब जब उसके पास अगले दिन चुनाव में इस्तेमाल होने वाली एवम मशीन हो?

इससे पहले असम से भी कुछ ऐसी ही खबरें आई थी। करीमगंज जिला में चुनाव अधिकारी भाजपा उम्मीदवार की पत्नी के वाहन में EVM ले जाते हुए पकड़े गए थे।

चुनाव आयोग के काम और उसकी नियत पर सवाल खड़े होते रहते हैं, एवम के इस्तेमाल पर भी सवाल उठते रहते हैं। भारत जैसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव धांधली के चलते जनता का भरोसा भी टूटता रहता है।

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