भारतीय जनता पार्टी के नेता और लोक सभा सांसद वरुण गाँधी ने एक बार फिर से अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हाल ही में बढ़े एलपीजी सिलेंडरों के दामों को देखते हुए वरुण गाँधी ट्वीट करते हुए लिखते है “घरेलू सिलेंडर अब 1050 रु में मिलेगा! जब देश में बेरोजगारी चरम पर है तब भारतवासी पूरी दुनिया में सबसे महंगी LPG खरीद रहे हैं।
कनेक्शन कॉस्ट 1450 रु से बढ़ाकर 2200 रु, सिक्योरिटी 2900 से बढ़ाकर 4400, यहाँ तक कि रेगुलेटर तक 100 रु महँगा है। गरीब की रसोई फिर धुएँ से भरने लगी है।”
बुधवार सुबह से नई दिल्ली में नए दामों को लागू किए जाने का आदेश था। सिलेंडर के इन बढ़ते दामों के मुताबिक, दिल्ली शहर में अब एक 14.2 किलोग्राम का घरेलू सिलेंडर 1,053 रुपए तक का मिलेगा।
वहीं अलग अलग जगहों पर सिलेंडर के कीमत में 50 रुपए तक की वृद्धि देखी गई। मुंबई में जहाँ अब एक सिलेंडर की कीमत 1,052 रुपए है वहीँ कोलकाता में 1,079 रुपए, चन्नई में 1,068 रुपए तो हैदराबाद में इसकी कीमत 1,011 रुपए तक पहुंच गई है।
हालाकिं, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब अपनी ही पार्टी की सरकार पर वरुण गाँधी ने सवाल उठाये हों।
पिछले महीने भी वरुण गाँधी ने ‘अग्नि पथ’ स्कीम के विरोध में सवाल खड़े किए थे और लिखा था “अग्निपथ योजना’ को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया।
जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो ‘पहले प्रहार फिर विचार’ करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं।”
यही नहीं, वरुण गाँधी ने बेरोज़गारी दर में आती बढ़ोतरी पर भी अपनी आवाज़ उठाते हुए कहा था कि “भारत में बेरोजगारी के कारण युवाओं की आत्महत्या एक भयावह रूप लेती जा रही है।
सरकार का कर्तव्य है कि देश के युवाओं को स्थायित्व प्रदान करे और जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरकर देश के युवाओं की मुश्किलें कम करे। संविदा की संस्कृति को खत्म करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।”
अपने ही पार्टी के नेता की तरफ से ऐसे सवाल खड़े करने से भाजपा सरकार असहज जरूर होगी मगर इसपर अमल करके फैसलों में सुधार कितना करती है, ये देखना दिलचस्प होगा।