केंद्र सरकार द्वारा लाए कृषि कानूनों का विरोध बीते 7 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किया जा रहा है। आज ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों से झड़प होने की खबर सामने आई है।
बताया जाता है कि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के अंदर भाजपा कार्यकर्ता आ पहुंचे।
जिसके बाद किसानों और भाजपा समर्थकों के बीच काफी हंगामा हुआ। मामला मारपीट और तोड़फोड़ तक पहुंच गया।
इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग काले झंडे लेकर वहां पहुंचे थे। भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस की मिलीभगत से यह सब हुआ है।
हमारे मंच के आगे आकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ गाली गलौज की है। जहाँ किसान प्रदर्शन कर रहे थे। वहां पर आकर ढोल बजाए जा रहे हैं।
यहां पर 500 लोगों की मौत हो गई है और वे लोग खुशी मना रहे हैं। हमने भी इस मामले में पुलिस को शिकायत कर दी है। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता उनके मंच पर कब्जा करना चाहते थे। ताकि वहां का माहौल खराब किया जा सके।
राकेश टिकैत का दावा है कि यह लोग यहां बीते कई दिनों से आ रहे थे। अगर इन्हें किसानों का मंच इतना ही पसंद है। तो पार्टी छोड़कर यहां आ जाएं। किसान संगठन उनका खुले दिल से स्वागत करेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में यह भी कह दिया है कि भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता को प्रदेश में अब जाने नहीं दिया जाएगा। गांव में भाजपा के झंडे लगी गाड़ियों को चलने तक नहीं दिया जाएगा।
भाजपा कार्यकर्ताओं को किसानों की तरफ से काले झंडे दिखाए जाने के सवाल पर राकेश टिकैत ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा कार्यकर्ता वहां पर 2 घंटे से खड़े होकर गाली गलौज कर रहे थे।
अगर किसानों ने काले झंडे दिखा दिए। तो क्या वह पत्थरबाजी करना शुरू कर देंगे? हम यह जानना चाहते हैं कि वह किसान प्रदर्शन स्थल पर क्या लेने आए थे।