बीते साल केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों का विरोध लगातार किया जा रहा है। कोरोना महामारी में भी दिल्ली बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों की सीमित संख्या के साथ आंदोलन जारी है।

इस किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत तक कई बार यह संकेत दे चुके हैं कि किसी भी स्थिति में आंदोलन को बंद नहीं किया जाएगा। यह आंदोलन उस दिन ही बंद होगा।

जब मोदी सरकार किसी कानूनों को वापस लेगी और एमएसपी के लिए कानून बनाया जाएगा।

बीते साल से शुरू हुए किसान आंदोलन को बंद करने के लिए के राजनीतिक दलों द्वारा इसे बदनाम करने की साजिश रची जा चुकी है। लेकिन किसान नेताओं की मजबूत इरादों की बदौलत यह मोर्चा आज भी दिल्ली की सीमाओं पर डटा हुआ है।

गौरतलब है कि समय-समय पर गोदी मीडिया द्वारा यह झूठ फैलाने की कोशिश की जाती रही है कि प्रदर्शनकारी धरना स्थल छोड़कर अपने घरों को लौट रहे हैं।

लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने हालिया बयान में यह साफ कर दिया है कि किसान ना तो यह मोर्चा छोड़ कर कहीं गए हैं और ना ही जाएंगे।

कोरोना महामारी के दौरान भी यह मोर्चा पूरी तरह से सुरक्षित है। क्यूंकि प्रदर्शनकारियों को वैक्सीन लग चुकी है और उनके लिए पूरे स्वास्थ्य प्रबंध हैं।

इसी बीच राकेश टिकैत ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए सरकार को एक बार फिर संदेश दिया है कि किसान आंदोलन चलता रहेगा।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “आंदोलन लंबा चलेगा, कोरोना काल में कानून बन सकते हैं तो रद्द क्यों नहीं हो सकतें।”

26 मई को किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने के मौके पर किसान संगठनों द्वारा इसे काला दिवस के रूप में मनाया गया है। आपको बता दें कि मोदी सरकार कृषि कानूनों को रद्द किए जाने से कई बार इनकार कर चुकी है।

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