
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जी न्यूज ने 15 नवंबर की शाम उज्जैन से ‘ताल ठोका’। ये अच्छी बात है कि चुनाव की कवरेज ग्राउंड जीरो से हो रही है। लेकिन दुःख की बात है कि ग्राउंड जीरो से जी न्यूज अपना एजेंडा ही चलाया रहा है।
जी न्यूज मध्य प्रदेश पहुंचकर भी वहां कि जनता की बात नहीं कर रहा है। ग्राउंड जीरो से भी डिबेट हिंदू-मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद पर ही हो रहा है। 15 नवंबर की शाम तो हद हो गई, जी न्यूज ने राम मंदिर पर डिबेट करने के लिए कांग्रेस नेता का बयान ही तोड़-मरोड़ दिया।
पूरा मामला…
15 नवंबर की शाम जी न्यूज ने अपने शो ‘ताल ठोक के’ का प्रशासन मध्य प्रदेश के उज्जैन से किया। शो के एंकर अमन चोपड़ा का कहना था कि उज्जैन से ‘ताल ठोक के’ इसलिए किया जा रहा ताकि मध्य प्रदेश के चुनावी मुद्दों को समझा जा सके।
लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि शो का मुद्दा था- मन में ‘ओसामा’ समाए तो मंदिर कैसे बनाएं ? अब सवाल उठता है कि मध्य प्रदेश का चुनावी मुद्दे में ‘राम मंदिर’ कैसै आ गया?
#TaalThokKe में देखें- मन में 'ओसामा' समाए तो मंदिर कैसे बनाएं ?#HeyRam पर ट्वीट कर दें अपनी रायhttps://t.co/m8ZUVdoQEh pic.twitter.com/KerAW8nF5H
— Zee News Hindi (@ZeeNewsHindi) November 15, 2018
जाहिर हैं मध्य प्रदेश का चुनावी मुद्दा राम मंदिर नहीं है। लेकिन जी न्यूज को डिबेट राम मंदिर पर ही करना था। ऐसे में अमन चोपड़ा ने उज्जैन और राम मंदिर का कनेक्शन कुछ इस तरह जोड़ा, अमन चोपड़ा कहते हैं- ‘हम शिव की नगरी उज्जैन में हैं। ये कहा जाता है कि भगवान शिव के सबसे बड़े भक्त थे भगवान राम। और ये भी कहा जाता है कि भगवान राम के सबसे बड़े भक्त थे स्वयं भोल शंकर।’
इस तरह शो के एंकर अमन चोपड़ा ने मध्य प्रदेश चुनाव को राम मंदिर विवाद से जोड़ दिया। हालांकि अमन चोपड़ा ने जिस कुतर्क के साथ जोड़ा वो हास्यास्पद और शर्मनाक दोनों है।
ख़ैर, इस कुतर्क के बाद अमन चोपड़ा ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के उस बयान को विवादित बताया जिसमें उन्होंने अयोध्या की विवादित जमीन को विवादित कहा था। ये अयोध्या की विवादित जमीन को विवादित कहना कहना विवादित कैसे हो गया?
लेकिन यहां अमन चोपड़ा ने खेल कर दिया। अमन ने दिग्विजय सिंह का पूरा बयान न बताकर आधा ही बताया, यानी अपने एजेंडे लायक बताया।
अमन चोपड़ ने अपने दर्शकों को बताया कि ‘दिग्विजय सिंह ने कहा है ‘भगवान राम स्वयं नहीं चाहेंगे कि विवादित जगह पर मंदिर बने।’
ये दिग्विजय सिंह का अधूरा बयान है। दरअसल 14 नवंबर को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा था कि…
‘अजीब बात है। जब चुनाव आता है भगवान राम के मंदिर निर्माण की बात सामने आती है। भगवान राम का मंदिर बने इसमें किसी को ऐतराज नहीं है। हम सब चाहते हैं, लेकिन भगवान राम भी नहीं चाहेंगे कि किसी विवादास्पद स्थल पर उनका मंदिर बने’
Ajeeb baat hai jab chunaav aata hai Bhagwan Ram ke mandir nirmaan ki baat saamne aati hai. Bhagwan Ram ka mandir bane ismein kisi ko aitraaz nahi hai, hum sab chahte hain, lekin Bhagwan Ram bhi nahi chahenge ki kisi vivadaspad sthal par Ram ka mandir bane: Digvijaya Singh (14.11) pic.twitter.com/nhnFoxJ6X9
— ANI (@ANI) November 14, 2018
दिग्विजय आगे कहते हैं ‘ये भी आश्चर्य की बात है कि सरकार कहती है कि अदालत का फैसला मानेंगे। उत्तर प्रदेश सीएम कहते हैं, राम जी की इच्छा होगी तो मंदिर बनेगा और सरकार के कर्ता-धर्ता कहते हैं कि अध्यादेश निकालिए। केवल भगवान राम के मंदिर को विवादास्पद बनाना इन लोगों का लक्ष्य है।’
Ye bhi aashcharya ki baat hai ki sarkar kehti hai adalat ka faisla manenge, UP CM kehte hain Ram ji ki ikchha hogi to banega aur sarkar ke karta-dharta kehte hain adhyadesh nikaliye. Keval Bhagwan Ram ke mandir ko vivadasapd banana in logon ka lakshya hai: Digvijaya Singh (14.11) pic.twitter.com/cm89ElCLyL
— ANI (@ANI) November 14, 2018
दिग्विजय सिंह के बयान और अमन चोपड़ा के बायन में साफ अंतर देखा जा सकता है। दिग्विजय सिंह का अधूरा बयान बताने के बाद अमन चोपड़ा कहते हैं ‘क्या कांग्रेस के लिए अभी भी वो जगह विवादित है?’ ‘राम जन्मभूमि किसी हिंदू के लिए विवादित हो सकती है?’
अमन चोपड़ा का सवाल किसी बीजेपी प्रवक्ता जैसा है। अयोध्या की जमीन विवादित है और इसमे किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जब तक फैसला नहीं आ जाता चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम हो या सिख हो या ईसाई हो या पारसी हो या जैन हो या बुद्ध हो… सबके लिए वो जमीन विवादित ही है।
भगवा हुई पत्रकारिता: अमन चोपड़ा ने तिलक लगाकर ‘ठोका साम्प्रदायिकता का ताल’
ऐसे में दिग्विजय सिंह का विवादित जमीन को विवादित कहना विवादित बयान नहीं है। कोर्ट संविधान से चलता है, कानून से चलता है। भावनाओं से और बीजेपी की दलाली से नहीं।
अमन चोपड़ा के शो का मुख्य सवाल था कि ‘मंदिर भगवान राम नहीं चाहते या कांग्रेस नहीं चाहती?’
ये सवाल अगर संबित पात्रा पूछते तो समझ आता लेकिन कथित पत्रकार अमन चोपड़ा द्वारा पूछे जाना संदेह पैदा करता है। क्या सच में अमन पत्रकार हैं, या पत्रकार के भेष में बीजेपी प्रवक्ता? क्योंकि केंद्र से लेकर राज्यों तक में बीजेपी की सरकार है। संसद में बहुमत है। अध्यादेश लाने की शक्ति है। प्रधानमंत्री की कुर्सी पर हिंदु ह्दय सम्राट ‘नरेंद्र मोदी’ है… और राम मंदिर के लिए सवाल कांग्रेस से पूछा जा रहा है, क्यों?
थोड़ी देर के लिए मान लिया जाए कि कांग्रेस राम मंदिर नहीं चाहती, तो क्या कांग्रेस के ना चाहने से बीजेपी मंदिर नहीं बानाएगी? अगर बीजेपी को मंदिर बनाना है तो वो बना क्यों नहीं रही है? क्या बीजेपी राम मंदिर पर कांग्रेस से अनुमति मिलने का इंतजार कर रही है? क्या कांग्रेस ने ईट, मेंट छिपा दिया है? दिक्कत क्या है?
कायदे से राम मंदिर पर सवाल तो बीजेपी से होना चाहिए, मोदी सरकार से होना चाहिए… लेकिन रीढ़ विहीन अमन चोपड़ा से इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है।