मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में सभी दाढ़ी वाले सावधान! एमपी पुलिस दाढ़ी वालों को मुसलमान समझकर बुरी तरह से पीटने लगी है। कोरोना संक्रमण के दौरान एमपी में कांग्रेसी विधायक खरीदकर सीएम बनने वाले मामाजी ने पुलिस का साम्प्रदायिकीकरण कर दिया है।
लॉक डाउन के दौरान बीपी चेक कराने अस्पताल जा रहे वकील और मित्र Adv Deepak Vidrohi को पुलिस ने सिर्फ इसलिए बुरी तरह से पीटा, क्योंकि उसकी दाढ़ी है।
पुलिस के दरोगा ने उसे मुसलमान समझा। यह है शिवराज के राज में कानून-व्यवस्था की हालत। अब पुलिस दीपक पर बयान दर्ज न करवाने का दबाव बना रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपी दरोगा से सब परेशान हैं।
दंगों में उसकी खास ड्यूटी लगती है मुसलमानों को पीटने के लिए। शिवराज को बताना चाहिए कि क्या उन्होंने मुसलमानों को पीटने के लिए SPO यानी विशेष पुलिस अफसर तैनात कर रखे हैं।
पिटाई से दीपक के कान का पर्दा फट गया। तीन दिन तक खून बहता रहा। दीपक को मुझसे भी ज़्यादा डायबिटीज है।
क्या आपको अभी भी लगता है कि शिवराज सरकार लोकतांत्रिक है? सिर्फ शिवराज की ही नहीं, साम्प्रदायिक रास्ते पर चलने वाली देश की हर सरकार अलोकतांत्रिक है।
आपको बता दूं कि मध्यप्रदेश पुलिस की साम्प्रदायिक छवि की पूरी दुनिया ने भर्त्सना की है। खुद शिवराज सरकार घुटने पर बैठी है।
1. आरोपी दरोगा सस्पेंड हो चुका है।
2. एमपी के डीजीपी को इस मसले पर आगे आकर बयान देना पड़ा है।
3. संसद के आगामी सत्र में भी इस मामले को उठाने की तैयारी है।
4. देश और दुनियाभर के मीडिया ने देश में पहली बार भारत की पुलिस को साम्प्रदायिक सोच के साथ ट्रैप होते देखा है। सभी को धन्यवाद।
5. अब मानवाधिकार संगठन इस मुद्दे पर भारत सरकार को चिट्ठी जारी करने की तैयारी में हैं।
आप सबको सलाम। सत्यमेव जयते।
(ये लेख पत्रकार सौमित्रा रॉय के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)