आखिरकार सच बात रविशंकर प्रसाद के मुँह से निकल गयी कि महाराष्ट्र की लड़ाई दरअसल देश की आर्थिक राजधानी पर कब्जा जमाने की अंतिम लड़ाई है।
आप क्या सोचते हैं अगर कोई दूसरा स्टेट होता तो बीजेपी रातोरात इस तरह की फ़र्जीकल स्ट्राइक करती जिस तरह से उसने महाराष्ट्र में की है कि महाराष्ट्र में एक 45000 करोड़ के घपले के आरोपी को जिसे पिछले 5 सालो से जेल भेजने की बाते की जा रही थी उसे उपमुख्यमंत्री बना देती? बिल्कुल नही, यह महाराष्ट्र है जहाँ देश की सबसे अधिक बड़ी कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक टैक्स देने वाले राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है।
सच तो यह है कि देश का सबसे समृद्ध राज्य समझे जाने वाले गुजरात से देश का सिर्फ़ 4.5% ही इनकम टैक्स कलेक्शन मिल पाता जबकि सबसे ज्यादा इनकम टैक्स देनेवाले राज्यों की लिस्ट में महाराष्ट्र (38.3%) टॉप पर होता है देश के सभी राज्यों से प्राप्त टैक्स आंकड़ों को देखें तो महाराष्ट्र सबसे आगे है। महाराष्ट्र के साथ दिल्ली ( 13.7%) मिलकर पूरे देश का आधा इनकम टैक्स देते हैं गुजरात से ऊपर तो कर्नाटक (10.1%) ओर तमिलनाडु (6.7%) है।
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ओर इतना टैक्स महाराष्ट्र इसलिए देता है क्योकि वह देश के बड़े कारपोरेट का गढ़ है अधिकतर फार्च्यून 500 कंपनियों के हेड ऑफिस मुम्बई पुणे में ही है और यही कारपोरेट यह तय करते हैं कि देश के किस राज्य में सरकार किसकी बननी हैं और किसकी नही बननी है।
दरअसल ब्यूरोक्रेसी की ही तरह देश मे अब कारपोरेट में दो तरह की लॉबिंग है पहले ही गुजराती लॉबी जिसमे अडानी अम्बानी जैसे ताकतवर समूह शामिल हैं और दूसरी है गैर गुजरात लॉबी जिसे अब विदेशी कारपोरेट का समर्थन मिल रहा है यह लॉबी मोदी 2 में अब बेहद एक्टिव हो गयी है क्योंकि उसे अपने हितों पर मंडराता खतरा साफ दिख रहा है उन्हें यह खतरा अडानी अम्बानी की बादशाहत से है जिसे धड़ाधड़ मोदीं सरकार सरकारी ठेके देकर मजबूत बनाए जा रही हैं यह बात अब गैर गुजराती लॉबी को अच्छी तरह से समझ मे आ गयी हैं और वह अब खुलकर महाराष्ट्र में बीजेपी के विरुद्ध शिवसेना को समर्थन कर रही हैं और मराठा क्षत्रप चीनी मिलों की लॉबी के निर्विवाद नेता शरद पवार यह स्थिति समझ चुके हैं इसलिए वह भी कांग्रेस को साथ मे लाकर शिवसेना का साथ दे रहे हैं।
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अडानी अम्बानी महाराष्ट्र और गुजरात मे एक ही दल को सत्ता में देखना चाहते हैं क्योंकि उनका बिजनेस का बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र गुजरात की कोस्टल लाइन पर फैला हुआ है है और इसी हिस्से में वेस्टर्न कॉरिडोर पर अडानी के पोर्ट है ओर अम्बानी की रिफाइनरी हैं जो महाराष्ट्र के साथ, कर्नाटक के साथ पूरी तरह से जुड़ी हुई है।
अगर महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार नही बनती है तो अडानी अम्बानी के हितों को तात्कालिक रूप से गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाएगा और इसी कारण रातों रात फ़र्जीकल स्ट्राइक का गेम रचा गया है यही है असली वजह इस गड़बड़ झाले की।
( ये लेख गिरीश मालवीय के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )