SC ने भेजा मोदी सरकार, फडणवीस और अजीत पवार को नोटिस, कहा- गवर्नर की चिठ्ठी दिखाओ
महाराष्ट्र में तमाम संवैधानिक प्रक्रियाओं को किनारे रखकर आनन-फानन में मुख्यमंत्री पद का शपथ लेना देवेंद्र फडणवीस को भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है। एनसीपी कांग्रेस और शिवसेना की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, फडणवीस और अजीत पाटिल को नोटिस जारी किया है। साथ ही कहा है कि गवर्नर के बुलावे की चिट्ठी भी कल सुबह 10:30 बजे तक दिखानी पड़ेगी।
हालांकि सर्वोच्च अदालत ने फ्लोर टेस्ट पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है और कल सोमवार की सुबह 10:30 बजे ही इस पर कोई निर्णय आएगा।
गौरतलब है कि बीजेपी के जिस स्टंट को मीडिया वाले मास्टर स्ट्रोक कह रहे हैं वह तमाम लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को दरकिनार करके मानो संविधान की अवमानना कर रहा है, इसलिए भी मामला राज्य के बाहर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच आया है।
भले ही सर्वोच्च अदालत में फ्लोर टेस्ट पर आज कोई फैसला ना दिया हो लेकिन आज के फैसले की तीन चार बातों से स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी को फ्लोर टेस्ट के लिए इतना वक्त नहीं मिलने वाला है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि कल फ्लोर टेस्ट के बाद कल फैसले के बाद 24 घंटे से लेकर 48 घंटे तक का वक्त दिया जाएगा।
अब सवाल उठता है कि बहुमत यानी 145 के आंकड़े से बहुत दूर दिखाई दे रहे भाजपा और अजित पवार के खेमे में क्या चल रहा है !
अगर ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा तो धनबल से परिपूर्ण बीजेपी विधायक खरीदने में भी फेल हो सकती है।
दूसरी तरफ खबर है कि एनसीपी ने अपने 40 से ज्यादा विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए एक होटल में सुरक्षित रखा है। और दिलचस्प बात यह है कि उस पूरे होटल को शिवसैनिकों ने घेर रखा है और किसी भी विधायक को बाहर जाने की अनुमति नहीं है।
महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी ये तो अदालत के फैसले और फ्लोर टेस्ट के बाद ही तय होगा लेकिन इस वक्त लोकतंत्र का तमाशा बना दिया गया है ये बात भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने साबित कर दिया है।