प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूरी बीजेपी दावा करती है कि अब नक्सली हमले ख़त्म हो गए हैं। लेकिन झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले लातेहार में बड़ा नक्सली हमला हुआ है। इस हमले में एक एएसआई समेत चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। नक्सली हमला तक हुआ जब लातेहार हाईवे पर पुलिसवाले पेट्रोलिंग कर रहे थे।
शहीद हुए जवानों में एसएसआई सुकरा उरांव, होमगार्ड चालक यमुना प्रसाद, होमगार्ड जवान सिकंदर सिंह और होमगार्ड शम्भू प्रसाद शामिल हैं। पुलिस नक्सलियों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है, हालांकि सीएम रघुबर दास ने इस हमले को कायरता बताया है।
आखिर, इन चार जवानों की हत्या का जिम्मेदार कौन है? क्योंकि पीएम मोदी से कहा था कि नोटबंदी से नक्सलियों की कमर टूट जाएगी। जब नोटबंदी से नक्सलियों की कमर टूट गई तो फिर इन चार जवानों की जान क्यों गई?
एक तरफ महाराष्ट्र में सरकार बनाने की बीजेपी जी तोड़ मेहनत कर रही है। पूरा मीडिया महाराष्ट्र में कड़ी नजर बनाए हुए है। ऐसे में इसी समय झारखंड में 24 घंटे के भीतर 2 नक्सली घटनाएं हो गई हैं। दूसरे नक्सली हमले में एक बीजेपी नेता की हत्या कर दी गई है।
इन नक्सली हमलों की झारखंड के मुख्यमंत्री समेत वहां के डीजीपी निंदा कर रहे हैं। मगर सवाल ये है कि देश के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति नरेन्द्र मोदी के दावे के बावजूद नक्सली हमले क्यों हो रहे हैं?