2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि EVM के साथ कागज की पर्ची निकालने वाली मशीन VVPAT लगाई जाए क्योंकि EVM पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता.

लेकिन आज तक एक भी ऐसा लोकसभा या विधानसभा चुनाव नहीं हुआ, जिसमें एक भी सीट पर VVPAT मशीन से निकाली गई पर्चियों को गिनकर ये देखा गया कि नतीजे ठीक आते हैं या नहीं. जब पर्चियां गिननी ही नहीं हैं, तो निकाल क्यों रहे हैं?

यूपी के बाद अब कर्नाटक में ‘कमल’ मुरझाया, कांग्रेस-जेडीएस ने 5 सीटों में 4 सीटें जीती

चुनाव आयोग के सहयोग से बीजेपी ने भारत में लोकतंत्र को बंधक बना लिया है.

उपचुनाव में जीत कर खुश मत होइए. उपचुनावों में तो विपक्ष चार साल से लगातार जीत रहा है. उसमें नई बात क्या है. विपक्ष ने तो गोरखपुर और फूलपुर तक उपचुनाव में जीत लिया. ये EVM की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए है.

नोट- यह लेख वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है।

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