कोरोना की आड़ में मोदी सरकार की देशव्यापी तालाबंदी से सबसे ज्यादा किसे फायदा हुआ ? जवाब है- बिग बाजार, फूड बास्केट, डीमार्ट, रिलायंस फ्रेश, ऑनडोर जैसे ऑनलाइन स्टोर्स को।

सरकार ने पुलिस के जरिए दबाव बनाया कि घर बैठे इन स्टोर्स से किराने का सामान ऑर्डर करें। मोदी सरकार और राज्यों की सरकारों ने सप्लाई चेन तोड़ दी। किराने की दुकानें खाली होकर बंद हो गईं। लेकिन ऑनलाइन स्टोर बंद नहीं हुए।

मुंबई में बैठा एक बड़ा उद्योगपति इस पूरे तमाशे पर खुश था। उसका नाम है मुकेश अंबानी। उसने झट से फेसबुक को रिलायंस जियो में 43 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश को मंजूरी दे दी।

सोशल मीडिया पर इस डील को कोरोना काल में अंबानी के बिजनेस मोड में रहने के रूप में देखा गया। इसे दिमागी दिवालियापन ही कहेंगे।

लेकिन दरअसल, यह पूरा मामला देश के 6 करोड़ छोटे और मझोले उद्योगों, 12 करोड़ किसानों और 3 करोड़ किसाना व्यापारियों पर कब्जे यानी उनकी तबाही से जुड़ा है।

खुद रिलायंस जियो ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में इसे स्वीकारा है। मानसिक रूप से लकवाग्रस्त भाषाई मीडिया ने खबर के इस एंगल को दबा दिया। अब आगे क्या होगा ? आप पर, किराना व्यापारियों और किसानों पर इसका क्या असर होगा ?

चलिए- क्रोनोलॉजी को समझते हैं।

दिसंबर 2019 में रिलायंस रिटेल ने जियो मार्ट के रूप में ‘देश की नई दुकान’ के नाम से एक ब्रैंड का ऐलान किया था। लेकिन बाद में पैसों की तंगी और बढ़ते कर्ज के कारण इसका प्रसार नहीं हो सका।

अब होगा यह कि फेसबुक और रिलायंस जियो के इस गठजोड़ से भारत की 80 फीसदी रिटेल इंडस्ट्री पर अंबानी का कब्जा हो गया है।

भारत में यह 700 बिलियन डॉलर का बाजार है।

आप घर बैठे व्हाट्सएप पर एक खास फीचर के माध्यम से किराने का ऑर्डर दे सकेंगे।

यह बहुत सुविधाजनक है। लेकिन जरा सोचिए, उन 3 करोड़ किराना व्यवसायियों का क्या होगा, जिन्होंने वक्त-बेवक्त आपको उधार पर भी किराने का सामान दिया है। इन्हें रिलायंस रिटेल से जोड़ा जाएगा।

रिलायंस अपनी मर्जी से उत्पादक चुनेगा। उन्हें अपना ब्रांड देगा और धीरे-धीरे मौजूदा प्रतिद्वंदियों को बाहर करेगा।

फिर आप कई ब्रांड्स की रिटेल दर और क्वालिटी को अपनी जेब के हिसाब से नहीं चुन पाएंगे। आपको झक मारकर रिलांयस ही खरीदना होगा।

जल्द ही केंद्र की मोदी सरकार रिलायंस रिटेल की मर्जी से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान करेगी, ताकि जिगरी दोस्त को अधिकतम फायदा हो।

फिर क्या। किसानों की खुदकुशी के मामले और बढ़ जाएंगे।

अंबानी जी का कहना है कि वे देश के असंगठित क्षेत्र को बदलना चाहते हैं।

याद रखिए- गुजरात सरकार ने कोरोना काल में मजदूरों को बिना अतिरिक्त वेतन के 12 घंटे काम करने का हुक्म दिया है।

ऐसे ही बनेगा नया इंडिया।

  • सौमित्रा रॉय

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