रामदेव ने चीन से एनिमल प्रोडक्ट से बना हुआ सिरप मंगाकर शहद के रूप में बेचा। इससे शाकाहारी हिंदुओं की भावनाएं बुरी तरह अपमानित हुई हैं।

मैं धार्मिक भावनाओं की बात नहीं कर रहा परंतु किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत पसंद नापसंद की इज्जत तो कम से कम रामदेव को करनी चाहिए थी।

इसके अलावा छोटे बच्चों को और बीमार व्यक्तियों को दवाई में मिलाकर भी जिन्होंने रामदेव का नकली शहद दिया उन्हें कितना नुकसान हुआ होगा।

कोई दूसरा देश होता तो इसे अब तक जेल में डाल दिया गया होता।

यहां सत्ताधारी दल का समर्थक होने के कारण यह अभी भी महान हिंदू संत बना उपदेश बांट रहा है।

जानिए क्या है मामला

स्वदेशी का राग अलापने वाले बाबा रामदेव अपनी कंपनी पतंजलि के शहद में तकरीबन 80 फीसदी चीनी सिरप की मिलावट करते पाए गए हैं।

पतंजलि के साथ ही 12 और ऐसी छोटी-बड़ी कंपनियां हैं, जिनके शहद में ये मिलावट पाई गई है। इस बात का खुलासा सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की हालिया जांच में हुआ।

दरअसल, CSE ने 13 कंपनियों का सैंपल लिया था। जिमसें डाबर, पतंजलि समेत कई ब्रॉन्ड शामिल थे। इसकी जांच जर्मनी में की गई थी। जिसमें 11 कंपनियों के शहद शुद्धता जांच में फेल हो गए। हालांकि कुछ कंपनियों के शहद जांच में सही भी पाए गए, जिनमें सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर का नाम शामिल है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here