असम विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही विपक्षी दलों के लिए संतोषजनक न रहे हो मगर एक सामाजिक कार्यकर्ता यानी असली विपक्ष के लिए बेहद ही संतोषजनक रहे हैं।

भाजपा सरकार की तमाम तानाशाही नीतियों का मुखरता से विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई की शिवसागर विधानसभा से जीत हुई है।

गौरतलब है कि अखिल गोगोई अभी भी जेल में है और जेल से रहकर उन्होंने चुनाव लड़ा।

हालांकि अखिल गोगोई की जीत पर कथित मुख्यधारा का मीडिया तो चर्चा नहीं कर रहा है मगर सोशल मीडिया पर वह चर्चा का केंद्र बने हुए हैं उनके इस जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार सिद्धार्थ रामू लिखते हैं-

जिस एक व्यक्ति के जीत की मुझे सबसे ज्यादा खुशी है, उस व्यक्ति का नाम अखिल गोगोई, आपको जीत की बधाई अखिल गोगोई

अखिल गोगोई नाम, प्रतिरोध की आवाज का नाम है। वह एक ऐसे योद्धा हैं, जो फासिस्ट मोदी-अमितशाह की नीतियों के खिलाफ जमीन पर संघर्ष करते रहे हैं।

किसान नेता के साथ,नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं।

गोगोई को असम में बड़े पैमाने पर एंटी-सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था। वे जेल मे कोविड-19 से संक्रमित हुए थे।

वे असस के शिवसागर विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी को हराकर 9 हजार वोटों से जीते हैं।

जो लोग भाजपा के निशाने पर सबसे ज्यादा रहते हैं, उनमें से एक अखिल गोगोई भी हैं।

उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के रूप हाल में अपनी पार्टी बनाई थी।

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