यह न्यू इंडिया है।
वह पुलिस अधिकारी था। हिजबुल मुजाहिदीन के पेरोल पर काम कर रहा था। दो आतंकियों के साथ पकड़ा गया। लेकिन उस पर देशद्रोह का केस दर्ज नहीं होता। लेकिन कक्षा 4 के बच्चे नाटक खेलते हैं तो स्कूल पर देशद्रोह लग जाता है।
केंद्रीय मंत्री कहता है गोली मारो, उसे कोई असुविधा नहीं होती, जामिया की 90 साल की बूढ़ी औरतें देश के लिए खतरा हो जाती हैं। केंद्रीय नेता चुनाव में खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं का आह्वान कर रहे हैं और उसे देशभक्ति बताया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस, आज लाठियां नहीं उठीं, क्या सिर्फ छात्रों को देखकर ही आपका ख़ून खौलता है : सुशांत सिंह
12 एसएचओ और 300 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में एक युवक गोली चलाता है, पुलिस आराम से खड़ी रहती है। तिरंगा लिए राजघाट जा रहे प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
रामभक्त गोपाल एक नमूना है। देश के हर हिंदू को ऐसे ही सनकी और दिमाग से आतंकी बनाने की योजना लांच हो चुकी है। संस्थाओं को यूं ही नहीं खत्म किया गया है।
जामिया छात्रों को बेरहमी से पीटने वाली दिल्ली पुलिस ‘आतंकी गोपाल’ के सामने हाथ बांधे खड़ी रही, क्यों?
यह नंगा नाच अब खुलेआम चल रहा है। मुस्कराइए कि आपके बच्चों को पिस्तौल थमा दी गई है। आप ऐसा ही इंडिया चाहते हैं तो आज मिठाई बांट दीजिए। वैसे भी गांधी की हत्या के बाद मिठाई बांटी गई थी, अब तो उस लोकतंत्र की ही हत्या हो रही है जिसे गांधी ने बनाया था। बधाई हो!