इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉक्टर कफील खान को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने डॉ खान के खिलाफ एनएसए हटाने का भी आदेश दिया है.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डॉक्टर कफील खान पर एनएसए के तहत कार्रवाई गैरकानूनी है. अलीगढ़ डीएम की ओर से एनएसए की कार्रवाई आदेश गैरकानूनी है. कफील खान को हिरासत में लेने की अवधि का विस्तार भी अवैध है.

एक निर्दोष व्यक्ति को गैरकानूनी ढंग से 6 महीने तक जेल में सड़ाना अत्याचार है. सरकारें नागरिकों पर ये अत्याचार क्यों कर रही हैं?

हमारे शासकों को याद रखना चाहिए कि अत्याचारी शासन का अंत बहुत बुरा होता है, उनके खुद के लिए भी और समाज के लिए भी.

आपको बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 15 दिसंबर को हुए बवाल के बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर कफील खान छात्रों के समर्थन में यूनिवर्सिटी गए थे।

जहां पर उनके द्वारा दिए गए भाषण को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। 29 जनवरी को यूपी एसटीएफ की टीम ने डॉक्टर कफील खान को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था।

उनके खिलाफ अलीगढ़ में 13 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। 10 फरवरी को सीजेएम कोर्ट ने डॉ कफील को जमानत दे दी थी लेकिन तीन दिन तक उन्हें रिहा नहीं किया गया, बल्कि प्रशासन ने डॉ कफील पर रासुका की कार्रवाई कर दी।

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