उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से डॉ कफील खान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रासुका के तहत जेल में बंद है। अब डॉ कफील खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है।
खबर के मुताबिक, बीते 7 महीने से जेल में बंद डॉ कफील के खिलाफ लगाई गई रासुका को हटाने का आदेश जारी किया गया है।
इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की बेंच ने डॉक्टर कफील खान के खिलाफ रासुका के आरोप को रद्द कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि अलीगढ़ के डीएम की तरफ से 13 फरवरी 2020 को डॉ कफील खान के खिलाफ की गई रासुका की कार्रवाई गैरकानूनी है।
कोर्ट ने आगे कहा- डॉक्टर कफील खान की स्पीच ने हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया है, गलत बताया है। इस स्पीच में राष्ट्रीय एकता की बात की गई है।
हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि रासुका के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है। डॉ कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए।
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह आदेश डॉक्टर कफील की मां नुजहत परवीन द्वारा दायर एक याचिका पर आया है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था।
गौरतलब है कि डॉ कफील खान के खिलाफ 13 दिसंबर को अलीगढ़ के सिविल लाइंस पुलिस थाने में IPC की धारा 153-ए के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जिसके बाद उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने डॉ कफील खान को 29 जनवरी को मुंबई से गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। लगभग 7 महीने से डॉ कफील खान रासुका के तहत मथुरा जेल में बंद हैं।
इससे पहले साल 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे के बाद डॉ कफील खान को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए सस्पेंड कर दिया गया था। उन्हें 8 महीने से ज्यादा जेल में भी रहना पड़ा था। लेकिन उनके खिलाफ कोई भी पुख्ता सबूत कोर्ट में नहीं दिया गया। जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
"Dr Kafeel Khan's Speech Does Not Promote Hatred Or Violence, It Gives A Call For National Integrity And Unity Among Citizens": Allahabad HC [Read Judgemnt] https://t.co/LtLEEfEKJ7
— Live Law (@LiveLawIndia) September 1, 2020