न्यूज़ीलैण्ड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आरडर्न की संजीदगी उस समय भी क्या ख़ूब दिखी थी जब पिछले साल न्यूज़ीलैण्ड के क्राइस्टचर्च शहर के एक मस्जिद में जिसमें 51 लोग मारे गए थे!

तब जेसिंडा ने गोली चलाने वाले को सीधे आतंकवादी कहा था, भटका हुआ अतिवादी नहीं! और जेसिंडा को जब डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका तुम्हारी क्या मदद कर सकता है तो जेसिंडा ने कहा अगर कर सको तो पूरे मुसलिम समुदाय के प्रति सहानुभूति और प्यार रखो दिल में! इतनी आत्मीयता के साथ शायद ही किसी देश का प्रमुख किसी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ खड़ा हुआ हो!

कोरोना से निपटने में भी न्यूज़ीलैण्ड ने शानदार मिसाल कायम की है! मात्र 6 कोरोना केस होने पर ही देश में लॉकडाउन का फ़ैसला लिया! और उसके साथ ही अर्थव्यस्था के लिए, कोरोना प्रभावितों, नौकरीपेशा लोगों और वर्कर्स और किसानों के लिए के लिए काफी बड़े पैकेज घोषित किया!

पूरे न्यूज़ीलैण्ड ने भरोसा किया अपने प्रधानमंत्री के इस कड़े फैसले का और अब जाकर पिछले 17 दिनों से एक भी कोरोना केस नहीं आया और आज आख़िरी भर्ती मरीज भी ठीक घोषित हुआ! तय सीमा से पहले ही कोरोना को ख़त्म कर दिया अपने देश में! हवा-हवाई कुछ भी नहीं बोलतीं अपने भाषणों में! टू द पॉइंट बोलती हैं, पूरी गंभीरता के साथ बोलती हैं!

राजनैतिक विचारधारा से ख़ुद को सोशलिस्ट मानती हैं! फेमिनिस्ट हैं! 2005 में Gay राइट्स पर चर्च को लेकर मतभेद के चलते वो चर्च से हमेशा के लिए अलग हो गयीं! 2017 में उन्होंने ख़ुद को धर्म से पूरी तरह अलग करते हुए Agnostic घोषित कर लिया!

अच्छा नेतृत्व!

(ये लेख तारा शंकर के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

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