मध्य प्रदेश में तख्तापलट को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। एक वायरल ऑडियो क्लिप के हवाले से दावा किया जा रहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार गिराने में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का हाथ था।

दरअसल, सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो कथित तौर पर ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से आदेश मिला था।

बताया जा रहा है कि ये ऑडियो क्लिप तब का है, जब हाल ही में शिवराज ने इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। हालांकि अभी ऑडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं हो सकी है।

क्लिप में शिवराज कथित तौर पर यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, “केन्द्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिये नहीं तो ये बर्बाद कर देगी, तबाह कर देगी और आप बताओ ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी भाई के बिना सरकार गिर सकती थी? और कोई तरीका नहीं था।”

इससे पहले बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और शिवराज सिंह इसपर सफ़ाई देते रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराने में उनकी कोई भूमिका नहीं रही है। बीजेपी कहती रही है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार पार्टी में असंतोष के कारण गिरी। लेकिन अब इस ऑडियो के सामने आने के बाद बीजेपी पर सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएम शिवराज ने खुद सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर कांग्रेस के उन आरोपों पर मोहर लगा दी है, जिसमें बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की मदद से राज्य की कांग्रेस सरकार गिराए जाने की बात कही जा रही थी।

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सरकार गिराने में सिंधिया की इसलिए मदद ली क्योंकि उनके बगैर सरकार गिर नहीं सकती थी। इसी से समझा जा सकता है कांग्रेस में कोई असंतोष नहीं था ,सरकार के पास पूर्ण बहुमत था सिर्फ बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर व चाहने पर जानबूझकर षड्यंत्र व साजिश रच कर कांग्रेस की राज्य की लोकप्रिय सरकार को गिराया गया।

बता दें कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद सरकार गिर गई। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे और इस्तीफा दे चुके 22 विधायक भी भाजपा में शामिल हो गए थे। 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में वर्तमान में 206 सदस्य हैं, जिनमें बीजेपी के 107 और कांग्रेस के 92 सदस्य हैं।

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