लोग मरते रहें लेकिन प्रधानमंत्री को महान बनाने का पी आर नहीं बंद होना चाहिए

युद्ध जनता लड़ रही है लेकिन योद्धा वो हैं जो कमरे में बैठ कर कुछ करते नज़र आ रहे हैं। जब पिछले पंद्रह दिनों से देश के कई हिस्सों से लोगों के तड़प कर मरने की खबरें आती रहीं, प्रधानमंत्री मोदी चुनावों में व्यस्त रहे।

लोग अपनों की लाश लेकर श्मशान के बाहर घंटों इंतज़ार कर रहे हैं लेकिन योद्धा नरेंद्र मोदी हैं। है न कमाल।

एक दिन जनाब बग़ैर अपनी छवि की चिन्ता किए नहीं रह सकते हैं। हर काम दिखावे के लिए हो गया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का ट्विट देखिए। लिख रहे हैं प्रधानमंत्री एक योद्धा की तरह लड़ रहे हैं।

यह ट्वीट उन लोगों का अपमान है जो अपनों को सिलेंडर दिलाने और भर्ती कराने के लिए योद्धा की तरह लड़ते रहे और सरकार सोती रही। प्रोपेगैंडा के झाँसे में ही दिन भर रहने के कारण आज भारत की यह हालत हो गई है।

लोग कीड़े मकोड़े की तरह मर जाएँ लेकिन मोदी जी महान ही रहेंगे। मैदान में भले नज़र न आएँ लेकिन योद्धा रहेंगे।

इस वक़्त सारा प्रयास लाशों को हेडलाइन से हटाने का हो रहा है। गोदी मीडिया सक्रिय हो जाएगा। एक दो दिन इंतज़ार कीजिए। जल्दी खबरें आ जाएंगी कि स्थिति नियंत्रण में आ गई है। फिर एक रिपोर्ट आएगी कि कैसे प्रधानमंत्री ने रात रात जागकर सब मैनेज किया। यहां पाइप लाइन डलवाई. वहां आक्सीजन भिजवाया।

इस तरह श्मशान में अपनों को जला कर लौटे लोग अलग-थलग कर दिए जाएंगे। फिर से आप महान शासक के विश्व गुरु भारत में रहने लगेंगे।

एक काम यह भी हो सकता है कि रामदेव की दवाई बेचने वाले डॉ हर्षवर्धन को बर्खास्त कर दिया जाए ताकि मोदी जी महान हो जाएँ। बस ऐसी दो चार हेडलाइन की ज़रूरत है। हेडलाइन में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। आक्सीज़न भले कुछ कम हो जाए।

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