तारा शंकर

आप सोचिये कि होमगार्ड्स जिनको मासिक वेतन नहीं मिलता है बल्कि दैनिक भत्ते के रूप में सैलरी मिलती है! मने जितने दिन ड्यूटी उतने दिन के पैसे! उत्तर प्रदेश सरकार ने एक झटके में 25000 होमगार्ड्स को निकाल दिया ये कहते हुए कि उनके पास पैसे नहीं हैं!

अब तक एक होमगार्ड को महीने में 25 दिन अधिकतम ड्यूटी पर रखा जाता था और इस हिसाब से उन्हें 672 रूपये दिहाड़ी के हिसाब से पैसे मिलते थे! अभी कुछ महीने पहले ही कोर्ट के आदेश पर इसे 500 से बढाकर 672 रूपये प्रतिदिन किया गया था!

मने कुल 17 हज़ार रूपये महीने में एक होमगार्ड अपने घर का खर्च चलाते थे वो भी पुलिस थानों और ट्रैफिक पुलिस के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए! अब यूपी सरकार ने कहा कि उसके पास पैसे नहीं हैं!

25000 नौकरी छीन ली फिर भी योगी की जय बोलते रहो क्योंकि वो मुस्लिम मोहल्लों का नाम बदल देते हैं

इसलिए अब 25000 गार्ड्स को हटा रही है और बाक़ी 99000 होमगॉर्ड्स को भी अब 25 के बजाय 15 दिन ही ड्यूटी लगाने के बारे में विचार कर रही है! 15 दिन ड्यूटी का मतलब बस 10000 रूपये प्रतिमाह दिहाड़ी बनेगी!

ये सरकार कांवड़ियों पर, कुम्भ पर, धार्मिक अनुष्ठानों पर दिल खोलकर जनता का पैसा फूँक देती है लेकिन अपने होमगॉर्डस की रोज़ीरोटी पर इतनी हरामख़ोरी कर रही है!

क्या है मामला

योगी सरकार (Yogi Government) ने सोमवार को बजट का हवाला देकर 25 हज़ार होमगार्ड्स की ड्यूटी खत्म कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के बराबर वेतन किए जाने के बाद बजट का भार बढ़ गया। इसे बैलेंस करने के लिए होमगार्ड्स की छंटनी हुई है।

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