अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पूरी हो गई। 40 दिन तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। 23 दिन में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने भले ही इसपर अभी फैसला नहीं सुनाया है, लेकिन देश के मेनस्ट्री मीडिया ने स्टूडियो से ही इसपर वर्डिक्ट देना शुरु कर दिया है। चैनलों से ये घोषित किया जाने लगा है कि अयोध्या की विवादित भूमि पर राम मंदिर ही था। जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया।

न्यूज़ चैनल आजतक ने ट्विटर पर अपने प्रोग्राम का एक पोस्टर शेयर किया है। जिसमें लिखा है, ‘जन्मभूमि हमारी, राम हमारे, मस्जिद वाले कहां से पधारे?’ इस पोस्टर से ही चैनल की मंशा को साफ़ तौर पर समझा जा सकता है।

जिस मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए ख़ुद सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थ्ता की बात करता रहा है, उस मामले पर चैनल सीधे तौर पर अपना जजमेंट दे रहा है कि विवादित ज़मीन जन्मभूमि है, उसपर मुसलमानों का कोई हक़ नहीं है। इस कदर संवेदनशील मामले पर इस तरह की पत्रकारिता क्या लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए काफी नहीं है? क्या इसे चैनल का किसी एजेंडे के तहत दंगा भड़काने का मंसूबा नहीं समझा जाना चाहिए?

एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने चैनल की इस हरकत पर आपत्ति जताते हुए चैनल से ट्वीट को डिलीट कर 24 घंटे के भीतर माफी मांगने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अगर चैनल नफ़रत फैलाने के लिए 24 घंटे में माफी नहीं मांगता तो उसे कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।

गोखले ने ट्वीट कर लिखा, “आजतक और अंजना ओम कश्यप आपके पास माफी मांगने और सांप्रदायिक विद्वेष और नफरत को बढ़ावा देने वाले इस ट्वीट को हटाने के लिए 24 घंटे हैं। नहीं तो, मैं वादा करता हूं कि आपको लंबे समय तक कानूनी परिणामों को भुगतने का पछतावा रहेगा। IPC 153 (A) और 295 (A) पढ़ें। अपने वकीलों से बात करें। अब बहुत हो गया”। 

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