हाल ही में भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महाराष्ट्र एटीएस के दिवंगत प्रमुख हेमंत करकरे के लिए विवादित बयान दिया था. उन्होंने अपने दिए श्राप को करकरे की मौत की वजह बताया था.
उन्होंने कहा था की उनके श्राप से हेमंत करकरे की मौत हो गई. करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली है. हेमंत करकरे मुंबई हमले में शहीद हुए थे.
उनके इस बयान पर विपक्ष सक्रिय हो उठा. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफ़ी की मांग की और कहा की वे प्रज्ञा के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें. कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टी घोषित किया.
साध्वी प्रज्ञा का आरोप निकला झूठा! मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट- प्रज्ञा को नहीं किया गया था टॉर्चर
सोशल मीडिया पर मुद्दा गरम है. लेखक और कोलमनिस्ट प्रेरणा बक्शी ने ट्विटर के माध्यम से अपनी बात को सामने रखा और साध्वी प्रज्ञा पर उल्टा आरोप लगाया. प्रेरणा ने कहा कि आजकल सुपारी देने को ‘श्राप’ कहा जाता है.
Aaj kal supaari dene ko “shraap” kaha jaata hai, samjhe?
— Prerna Bakshi (@bprerna) April 20, 2019
साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव मे उतारा है. साध्वी दिग्विजय सिंह के खिलाफ लड़ेंगी. लेखक विवेक मिश्रा ने फेसबुक पर लिखा – जब हेमंत करकरे का नाश साध्वी के श्राप से हो सकता है तो दिग्विजय सिंह को हराने के लिए वोट की क्या ज़रूरत है.
जब हेमंत करकरे का नाश किसी के शाप से हुआ..तो दिग्विजय सिंह को हराने के लिए वोट की क्या जरूरत है।
Vivek Mishra ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶುಕ್ರವಾರ, ಏಪ್ರಿಲ್ 19, 2019
हालांकि साध्वी प्रज्ञा ने हेमंत करकरे पर दिया बयान वापस ले लिया है. उन्होंने कहा कि ये उनका निजी बयान था और वो ये बयान वापिस लेती हैं. साध्वी प्रज्ञा मालेगांव बम धमाके की आरोपी हैं और फिलहाल बेल पर बाहर हैं.