राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी एवं राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ज़ोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विकास का सपना दिखाकर सत्ता में आए पीएम मोदी अब लोगों को पिद्दी से पाकिस्तान का डर दिखाकर लोगों से वोट मांग रहे हैं।

मीसा भारती ने शनिवार को ट्वीट कर लिखा, “मोदी जी 2014 में विकास व उम्मीद से भरे सपने दिखाकर सत्ता में आए! आज वह डर दिखा रहे हैं! किसका डर? पिद्दी से पाकिस्तान का जिन्हें वह सबक नहीं सिखा पाए! रोज हमारे जवान शहीद हो रहे हैं! डर-नफ़रत की बात वही करते हैं जिनके पास दिखाने के लिए काम नहीं, भविष्य के लिए विज़न एजेंडा नहीं”!

ग़ौरतलब है कि इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी हर रैली में सेना और शहीदों के नाम पर वोट मांगते नज़र आ रहे हैं। वह अपनी ज़्यादातर रैलियों में ये कहते नज़र आ रहे हैं कि अगर पाकिस्तान को सबक सिखाना है तो बीजेपी को वोट करें।

इन दिनों बीजेपी के प्रचार वाले पोस्टरों पर भी यही लिखा दिखाई दे रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और “पाकिस्तान को सबक सिखाने” के लिए बीजेपी को वोट दें। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सच में पाकिस्तान भारत के लिए ऐसा ख़तरा है जिसे बीजेपी की सरकार ही सबक सिखा सकती है।

पिछले पांच सालों में पाकिस्तान की ओर से हुए सीज़फायर के उल्लंघन के आंकड़ों को देखने से तो तस्वीर कुछ और ही नज़र आती है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 में सीमा पार से 583 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ। साल 2015 में एलओसी के नजदीक सीज़फायर उल्लंघन के 405 मामले सामने आए थे, जो साल 2016 में बढ़कर 449 हो गया।

साल 2017 में इसकी संख्या 724 पहुंच गई। जो अब तक की सबसे ज़्यादा है। वहीं साल 2018 फरवरी महीने तक सीज़फायर उल्लंघन के 432 मामले सामने आए थे।

2014 से पहले यानी केंद्र में मोदी सरकार के आने से पहले यह आंकड़े काफी नीचे थे। 2013 में 347 बार सीमा पार से गोलाबारी की घटनाएं हुईं। इसके अलावा साल 2012 में 114 बार, साल 2011 में 62 बार और साल 2010 में 70 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ।

इन आंकड़ों को देखने के बाद भी क्या यह कहा जा सकता है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए मोदी सरकार की ज़रूरत है। ये आंकड़े तो बताते हैं कि मोदी सरकार में ही भारत को पाकिस्तान से ज़्यादा खतरा हुआ है। आंकड़ों को देखने के बाद सवाल यह भी उठता है कि क्या सीमा पर ख़तरे को इसीलिए बढ़ाया गया है कि इसका खौफ़ दिखाकर लोगों से वोट मांगा जा सके?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here