raghav chadha
Raghav Chadha

दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में शुक्रवार को एनपीआर (NPR) के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया। ये प्रस्ताव कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने पेश किया। उन्होंने कहा कि NPR-NRC सिर्फ किसी एक समुदाय को धोखा नहीं हैं बल्कि भारत के हर एक नागरिक की नागरिकता को धोखा है।

इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के कई सदस्यों ने अपनी बात रखी। आप नेता राघव चड्ढा ने एनपीआर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि पुराना एनपीआर नए एनपीआर से अलग है।

2010 के पुराने एनपीआर में मात्र 13 जानकारियां ली गई है। 2020 वाले में जनता से 21 जानकारियां मांगी जा रही है, जिसमें सबसे खतरनाक जानकारी उनके माता पिता का जन्म प्रमाण पत्र। यदि किसी के पास ये नहीं है तो वो व्यक्ति चाहे जिस भी धर्म-जाति का हो उसे संदिग्ध माना जाएगा।

चड्ढा ने कहा कि आज भी देश में बच्चे घरों में पैदा होते हैं। आज भी इस देश में बहुत बड़ी आबादी के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में रह रहे ज़्यादातर लोग बाहर से आए हैं, जिनके पास उनका जन्म प्रमाण पत्र नहीं, क्या इन सभी को डिटेंशन सेंटर में डाल दिया जाएगा?

इस दौरान राघव चड्ढा ने असम के अंदर बन रहे डिटेंशन सेंटर की तस्वीरें भी पेश कीं। उन्होंने कहा कि ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा है कि इससे हिंदुओं को डरने की ज़रूरत नहीं है, ये एक समुदाय विशेष के खिलाफ है। जबकि हक़ीक़त ये है कि इससे सबसे ज़्यादा नुकसान हिंदुओं का ही होगा।

आप नेता ने कहा कि बीजेपी के घटक दलों ने भी इस कानून को स्वीकार नहीं किया है। बिहार में इसके खिलाफ प्रस्ताव पास किया है जहां इनकी गठबंधन सरकार है। शिरोमणी अकली दल, एआईएडीएमके जैसे इसके साथियों ने भी इसका विरोध किया है।

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