आज (शुक्रवार) 8 नवंबर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ही के दिन 8 नवंबर 2016 को राष्ट्र ने नाम संबोधन करके देश में नोटबंदी का ऐलान कर दिया था। पीएम के ऐलान के बाद देश में हाहाकार मचा। रातों रात लोग एटीएम की लाइनों में लगने पर मजबूर हो गए। महीनों जनता बैंकों में धक्के खाती रही। सत्ताधारी भाजपा के नेता देश को बताते रहे कि नोटबंदी देशहित में लिया गया फैसला है।

मोदी सरकार की तरफ से दावा किया गया कि नोटबंदी से देश में काले धन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद पर लगाम लग जाएगी। लेकिन क्या नोटबंदी के तीन साल बीत जाने के बाद देश में सब कुछ ठीक है? क्या नोटबंदी के तीन साल बीत जाने के बाद देश में सब कुछ ठीक है? क्या काले धन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद पर सचमुच लगाम लग गई है?

मोदी जी बताएं ‘नोटबंदी’ से देश को क्या-क्या फायदा हुआ? या ये पूछना भी ‘एंटी नेशनल’ है? : अजीत अंजुम

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर कहा कि, “तीन साल पहले नोटबंदी किए थे और अब तीन साल बाद बैंक बंद कर रहे हैं। जनता को मोह माया से मुक्त करने के लिए एक फ़कीर इससे ज्यादा और कर ही क्या सकता है। अब तो नोटबंदी की लाइन में पैदा हुआ खजांची भी पूछ रहा है कि बड़े लोगों के पचास दिन का मतलब पचास महीने होता है या फिर पचास साल।”

वैसे तमाम आंकडें बताते हैं कि, देश नोटबंदी से न तो आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है और न ही कश्मीर में पत्थरबाजी में कमी आई। देश में नकली नोटों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है, सबसे बड़े 2,000 के नोट को जमा करने में बढ़ोतरी हुई है। मोदी सरकार में ही उरी, पठानकोट और बालाकोट जैसे बड़े आतंकवादी हमले हुए।

लेकिन यह भी सच है कि इसी नोटबंदी का ही असर है कि आज़ादी के बाद मोदी सरकार में सबसे ज्यादा 90 लाख लोगों का रोजगार छिन गया है। 45 सालों में वेरोजगारी सबसे ज्यादा है। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार नोटबंदी से देश को क्या-क्या फायदा हुआ वो नही गिना पा रहे हैं।

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