बिहार में चमकी बुखार (अज्ञात बीमारी) से मरने वाले मासूमों की संख्या 144 हो गई है। ऐसे में सरकार की नींद है जो टूटने का नाम नहीं ले रही है।

मगर खुद को तेज बताने वाला ‘आजतक’ ड्रामेबाज़ी पर उतर आया। कल देर रात एंकर अंजना ओम कश्यप मुज्ज़फरपुर पहुंची जहां उन्होंने सीधे वार्ड से ही चिल्ला चिल्लाकर अपनी रिपोर्टिंग शुरू कर दी।

दरअसल इससे पहले पत्रकार अजीत अंजुम ने मरते बच्चों की हालत देखकर अस्पतालों से लाइव करना शुरू किया था। सवाल जवाब होना शुरू हुए थे इसके बाद टीवी मीडिया ने वहां मेला लगा दिया। इसी सिलसिले में दिल्ली से मुज्ज़फरपुर पहुंची एंकर अंजना ओम कश्यप डॉक्टरों को लगभग फटकारती नज़र आई है।

उनका कहना था कि आखिर एक बेड पर एक से ज्यादा बच्चे क्यों है? मरीज अभी आया है तो उसे देखने के लिए डॉक्टर क्यों नहीं है? वो डॉक्टर से सीधे वार्ड में भीड़ गई ऐसे कैसे व्यवस्था है आपकी? यहां देखने वाला कोई नहीं ये क्या हो रहा है। इसपर डॉक्टर ने कहा कि मैडम हम सबको देख रहें है ये मरीज अभी आया है दूसरे मरीज को देखकर तभी तो देखेंगे।

एंकर ने जब बेड पर एक से ज्यादा बच्चे होने की बात नर्स से पूछी तो नर्स ने सीधा उन्हें जवाब दिया। नर्स ने कहा जितना बेड है उसी में ना काम चलाना पड़ेगा, इसलिए हम बेड पर दो बच्चे रख रहे है। क्योंकि बेड की कमी है हम इसी तरह से काम चला रहें है क्या करें?

एंकर अंजना ओम कश्यप को ये मालूम होना चाहिए था कि जिस अस्पताल में वो गई थी वहां बेड की कमी है और जानलेवा बीमारी के चलते हर दिन मरीजों का इजाफा हो रहा है। एंकर का कहना था कि बिना बोले आप लोग सुनते नहीं है मगर जिस तरह से वो बोल रही थी इसे बोलना नहीं चिल्लना कहते है वो भी अस्पताल में जहां लिखा होता कृपया शांति बनाए रखे।

एंकर की इस हरकत पर NDTV की एंकर कादम्बिनी शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा- ICU में जाकर नौटंकी एंकरिंग करने से, डॉक्टरों पर चिल्लाने से अगर बच्चे ठीक हो जाते तो यही दवाई लिखी जाती। ऐसी रिपोर्टिंग ग़लत और घटिया है।

हालाकिं एंकर अंजना ओम कश्यप ने बढ़ती आलोचनाओं की वजह सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए लिखा SKMCH में AES बच्चों को पहले वार्ड में रखा जाता है। गंभीर होने पर ICU में। कई बच्चों की हालत तो इसलिए ख़राब हो रही है क्योंकि वार्ड में AC नहीं है और सभी को dehydration है। मैंने बिहार सरकार को सुझाव दिया है, ये तो फ़ौरन किया जा सकता है। 1-2 दिन में वार्ड में AC लग जाएगा ऐसा वादा किया गया।

अस्पताल में अप्रबंधन और बेरूखी का सच सामने लाना ज़रूरी था,है,रहेगा। ICU में आए बच्चों को अटेंडे करना ज़रूरी था,है,रहेगा। प्रोपोगेंडा वाले आज 108बच्चों की मौत भूल गए। डॉक्टर के लिए मगरमच्छी सहानुभूति दिखाने वालों, हेकलिंग का प्रपोगैंडा बंद करिए, फिर याद दिला दूँ-अब तक 108बच्चों की मौत।

 

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