असम विधानसभा चुनाव के क्रम में ही एक सनसनीखेज खबर आई है। असम की भाजपा सरकार के एक मंत्री ने दो पत्रकारों को घर से घसीटकर गायब करवाने की धमकी दी है।

असम सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री पीयूष हजारिका पर पत्रकार नजरुल इस्लाम एवं तुलसी को घर से गायब करवाने की धमकी देने का आरोप लगा है।

इस मामले पर थाने में मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है तो वहीं कांग्रेस ने मांग की है कि उक्त मंत्री का नामांकन रद्द किया जाए।

मिली जानकारी के अनुसार, दो अलग अलग न्यूज चैनलों के पत्रकारों ने मंत्री पीयूष हजारिका की पत्नी द्वारा दिए गए एक चुनावी भाषण की रिपोर्टिंग की थी।

कहा जा रहा है कि इस भाषण में मंत्री की पत्नी ने विवादित एवं आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मंत्री इस बात को लेकर दो पत्रकारों से नाराज थे।

उनमें से एक पत्रकार ने पीयूष हजारिका के खिलाफ मोरीगांव जिले की जगीरोड थाने में शिकायत दर्ज कराई है, हालांकि अभी तक प्राथमिकी दर्ज करने से पुलिस बच रही है।

प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि मामले की गंभीरता एवं पत्रकारों को धमकी देने के आरोपी मंत्री का विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन रद्द किया जाए।

असम के एक स्थानीय समाचार चैनल प्रतिदिन टाइम्स ने मंत्री पीयूष हजारिका और पत्रकार नजरुल इस्लाम की बातचीत का एक ऑडिया क्लिप प्रसारित कियाजा रहा है।

इस ऑडियो में मंत्री और पत्रकार के बीच उक्त विवादास्पद भाषण की रिपोर्टिंग पर बहस हो रही है।

बातचीत के दौरान ही मंत्री हजारिका पत्रकार नजरुल को कह रहे हैं तुम्हें और तुलसी को उनके घरों से घसीट कर बाहर निकालूंगा और तुम दोनों को गायब करवा दूंगा। तुलसी उस दूसरे पत्रकार का नाम है जिसने मंत्री की पत्नी के भाषण की रिपोर्टिंग की थी।

मंत्री कह रहे हैं कि मैं तुम दोनों की रिर्पोटिंग से बहुत दुखी हूं जो इस तरह से उनकी पत्नी की चुनावी सभा में दिए गए भाषण को वायरल कराया गया।

वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है और कहा है कि तत्काल इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाए और पीयूष हजारिका का नामांकन रद्द किया जाए।

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