यदि निष्पक्ष चुनाव होंगे तो आप जो 400 सीटों का दावा कर रहे हैं, उसकी जगह देशभर में सिर्फ 40 सीटों पर भी सिमट सकते है। यह सदमा झेलने के लिए आप तैयार रहें। ऐसा कहना है BJP नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय अग्रवाल का। जिन्होंने दुखी मन से चिट्टी लिखते हुए अपनी चिट्टी में पीएम मोदी को एहसान फरामोश बताया है।

दरअसल गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान जब मणिशंकर अय्यर के घर पर पाकिस्तान अधिकारियों समेत भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व पीएम मनमोहन की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग का ज़िक्र करने वाले अजय अग्रवाल ही थे जैसा उन्होंने अपनी चिट्टी में दावा किया है।

BJP नेता ने अपनी चिट्टी में लिखा, अगर मैने गुजरात चुनाव के दौरान मणिशंकर अय्यर के जंगपुरा स्थित घर पर छह दिसंबर 2018 की शाम पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की हुई मीटिंग का खुलासा न किया होता तो BJP यह चुनाव शर्तियां हार जाती।

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उन्होंने लिखा कि 28 वर्षों के पुराने परिचय और BJP के पुराने 11 अशोका रोड वाले दफ्तर पर आपके साथ कम से कम सौ बार भोजन करने के बाद मेरे साथ जो सलूक हुआ, वह बहुत बुरा है। नोटबंदी के दौरान हुए भ्रष्टाचार को लेकर कई बार आपको पत्र लिखकर जमीनी सच्चाई से रूबरू कराने की कोशिश की, मगर कार्रवाई की जगह उल्टे आपकी नाराजगी का शिकार हो गया।

अग्रवाल ने लिखा कि आप मेरे जैसे अन्य कार्यकर्ताओं को भी गुलाम की ही तरह इस्तेमाल करते हैं और कार्यकर्ता अपना घर द्वार छोड़कर 24 घंटे आप के जुमलों के झांसे में आकर काम करता रहता है और उसको वह सम्मान भी नहीं मिलता जिसका कि वह हकदार है।

रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने पर अग्रवाल ने कहा कि रायबरेली के चुनाव इतिहास में बीजेपी की तरफ से सबसे ज्यादा एक लाख तिहत्तर हजार सात सौ इक्कीस वोट प्राप्त कर मैने गांधी परिवार के गढ़ में पार्टी की प्रतिष्ठा बढ़ाई। जबकि 2014 से पूर्व के चुनावों में BJP प्रत्याशियों को बहुत कम वोट मिलते थे।

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नजीर के तौर पर देखें तो रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में 2004 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी गिरीश चन्द्र पाण्डेय को महज  31,290 वोट मिले, वहीं 2006 के उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विनय कटियार को महज 19,657 वोट नसीब हुए।

जबकि 2009 में आर.बी. सिंह को भी सिर्फ 25,444 वोट मिले। फिर भी मेरा टिकट काटकर एक दागी छवि के प्रत्याशी को इस बार बीजेपी ने रायबरेली से टिकट दिया है। मेरा दावा है कि पार्टी प्रत्याशी को 50 हजार से ज्यादा वोट नहीं मिलेगा।

बता दें कि इस बार बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है। यहाँ पांचवे चरण यानी 6 मई को रायबरेली से वोट डाला जायेगा जिसमें महागठबंधन की तरफ से कोई उम्मीदवार ना उतारने की वजह से अब मुकाबला सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बीच होना है।

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