लोकतांत्रिक तरीके से जनता द्वारा चुनी हुई झारखंड की यूपीए सरकार को गिराने की साजिश का भंड़ाफोड़ होने के बाद देश की राजनीति में भूचाल आ गया है।

मामले में जब खुलासा हुआ कि महाराष्ट्र सरकार के एक पूर्व मंत्री और कुछ कारोबारियों की मिलीभगत से सरकार गिराने की कोशिशें हो रही थी, इस बीच मामले का भंड़ाफोड़ हो गया और आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

इस मामले में गिरफ्तार आरोपी ने यह कबूल किया कि महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर राव बावनकुले, भाजपा नेता चरण सिंह और एक नामी गिरामी कारोबारी जयकुमार बेलखेड़े उर्फ बालकुंड ने मिलकर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रची थी।

आरोपी ने यह भी बताया कि सत्ता पक्ष के तीन विधायकांें को लेकर इन लोगों ने दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के कई नेताओं से मुलाकात कराई थी।

डील में यह तय हुआ था कि एडवांस के तौर पर एक करोड़ रुपय दिए जाएंगे लेकिन तय समय पर एडवांस नहीं मिला तो ये तीन विधायक नाराज होकर वापस लौट गए।

वहीं इस बीच कांग्रेस के विधायक विल्सन कोनगाड़ी ने यह कहकर सनसनी मचा दी कि लोगों ने उनसे भी संपर्क किया था और हेमंत सरकार गिराने के एवज में मंत्री पद और 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था।

विधायक ने बताया कि उनसे कहा गया था कि आप लोग मिलकर एक नई पार्टी बना लें। सभी लोग तैयार हैं और आप भी मान जाए।

विधायक ने बताया कि उन्होंने इस बात की जानकारी सीएम हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को भी दी थी।

वहीं सरकार गिराने के आरोप में पकड़े गए आरोपी अभिषेक दूबे ने भी पुलिस के समक्ष यह कबूल किया कि 15 जुलाई को बोकारो के अमित कुमार सिंह ने इंडिगो की फ्लाइट का टिकट भेजा था और कहा था कि दिल्ली चलना है।

उनके साथ फ्लाइट में अमित कुमार ंिसंह, निवारण महतो और झारखंड के तीन विधायक थे। दूबे ने कहा कि सभी लोगों का टिकट कारोबारी जय कुमार बेलखेड़े ने कराई थी।

दूबे के अनुसार सभी लोग दिल्ली पहुंचें और वहां पर उन्हें फाइव स्टार होटल विवांता में ठहराया गया लेकिन एडवांस के एक करोड़ रुपये नहीं मिलने पर नाराज होकर तीनों विधायक वापस रांची आ गए।

वहीं विधायकों के वापस लौटने के बाद कारोबारी जय कुमार मुंबई के ही मोहित भारतीय, अनिल कुमार और आशुतोष ठक्कर के साथ रांची आए। इन्हीं तीन लोगों को विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए पैसे उपलब्ध कराने थे।

वहीं इस मामले में नाम आने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर ने आरोपों से साफ तौर पर इंकार किया है जबकि कारोबारी जय कुमार बेलखेड़े का फोन लगातार बंद आ रहा है।

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