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Samar Raj

मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के ड्राइवर अशोक कुमार की मौत ने राणे पर बड़े और गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अशोक की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई, लेकिन उनकी पत्नी का आरोप है कि यह प्राकृतिक मौत नहीं हत्या है।

‘आज तक’ की खबर के अनुसार, लखनऊ में संपत्ति विभाग के ड्राइवर अशोक कुमार की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई। लेकिन उनके परिजनों का आरोप है कि यह विभाव की लापरवाही के चलते हुआ है।

दरअसल, अशोक कुमार अपनी बिगड़ती तबियत के चलते मेडिकल छुट्टी पर थे। इसके बावजूद भी उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे की ड्यूटी पर लगाया गया।

अशोक की पत्नी का आरोप है कि उनके पति को न आने पर सस्पेंड किए जाने की धमकी भी दी गई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब नारायण राणे लखनऊ आए तो अशोक की ड्यूटी लगा दी गई। ड्राइवर की बीमारी का कोई ध्यान न रखा गया, उल्टा उन्हें धमकियाँ दी गई।

अशोक को ऑन-ड्यूटी ही दिल का दौरा पड़ा। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मृतक के परिवार ने संपत्ति विभाग के मोटर इंचार्ज अमरीश श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी धमकियों की वजह से ही अशोक को मजबूरन ड्यूटी पर जाना पड़ा।

हज़रतगंज के एसीपी राघवेंद्र मिश्र का कहना है कि अशोक की हार्ट अटैक के कारण मृत्यु हुई है। लेकिन परिजनों के आरोपों ने केंद्रीय मंत्री और उनके डिपार्टमेंट को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर नारायण राणे का कहना था कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनकी हत्या हुई है।

अब उनके ही ड्राइवर की मौत को परिजन हत्या बता रहे हैं, ड्राइवर को बीमार हालात में भी काम पर बुलाया गया ऐसा आरोप लगा रहे हैं। इसपर प्रधानमंत्री मोदी के मंत्री नारायण राणे क्या कहेंगे, क्या एक्शन लेंगे?

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