जिस चंदा कोचर को बचाने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली अमेरिका में बैठकर CBI को धमका रहे थे। वो जाँच में दोषी पाई गई हैं। ICICI बैंक की स्वतंत्र जाँच ने माना है कि बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर ने नियमों को ताक पर रखकर लोन दिया था। इसके साथ ही बैंक ने चंदा कोचर को बर्ख़ास्त करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

दोषी पाए जाने के बाद आईसीआईसीआई बैंक चंदा कोचर से करोड़ों रूपये के बोनस और इंक्रिमेंट को वसूलेगा।

वहीँ अपनी बर्ख़ास्तगी के बारे में कोचर का कहना है कि मैने लोन देने में किसी भी नियम की अनदेखी नहीं की और न ही एकतरफ़ा लोन किसी को दिया। मैं इस बर्ख़ास्तगी की कार्रवाई से हैरान हूँ।

वित्त मंत्री अरुण जेटली अब ‘ब्लॉग मंत्री’ बन गए हैं जो CBI को धमकाकर ‘चंदा कोचर’ जैसी घोटालेबाजों को बचा रहे हैं

ये वही चंदा कोचर हैं जिन पर एफ़आईआर दर्ज करने के बाद अमेरिका में इलाज करा रहे केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग लिखकर सीबीआई को डराने की कोशिश की थी। जेटली ने सीबीआई को दुस्साहस से बचने की नसीहत दी थी।

जेटली द्वारा सीबीआई को धमकी देने के दो दिन पहले कोचर और उसके पति, व वीडियोकॉन के एमडी पर एफ़आईआर दर्ज करने वाले अधिकारी का दिल्ली से तबादला कर राँची भेज दिया जाता है।

क्या है मामला-

ICICI बैंक द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कम्पनी वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रूपये के लोन के बदले तत्कालीन ICICI बैंक सीईओ और एमडी रहीं चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को कारोबारी फ़ायदा पहुँचाने के आरोप का मामला है।

इस दिए गए लोन 3250 करोड़ का 2810 करोड़ रूपया चुकाया नहीं गया। और वीडियोकॉन के खाते को NPA की लिस्ट में डाल दिया गया।

वीडियोकॉन के प्रमोटर वीएन धूत ने साल 2008 में चंदा कोचर और दीपक कोचर और उनके दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक कम्पनी खोली थी।

उसके बाद इस कम्पनी को उनकी ही एक कम्पनी द्वारा 64 करोड़ रूपये का लोन दिया गया। उसके बाद लोन देने वाली कम्पनी का मालिकाना हक़ सिर्फ़ 9 लाख रूपये में एक ट्रस्ट को सुपुर्द कर दिया गया जिसके प्रमुख दीपक कोचर हैं। जो चंदा कोचर के पति हैं।

 

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