China-India relations
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जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चीन ने बड़ा बयान दिया है। चीन ने जम्मू-कश्मीर को विभाजित कर दो केंद्रशासित प्रदेशों में बदले जाने का खुला विरोध करते हुए इसे ग़ैरकानूनी और अमान्य बताया है।

गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से तथाकथित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों की स्थापना की घोषणा की, जिसमें चीन के कुछ हिस्से भी शामिल थे।

उन्होंने कहा कि चीन इससे नाराज़ है और इसका कड़ा विरोध करता है। भारत ने एकतरफा अपने घरेलू कानूनों और प्रशासनिक विभाजन को बदलकर चीन की संप्रभुता को चुनौती दी है। शुआंग ने कहा कि यह गैरकानूनी एवं अमान्य है और ये किसी भी तरह से प्रभावी नहीं है। इससे ये तथ्य नहीं बदलेगा कि यह क्षेत्र चीनी नियंत्रण में है।

शुआंग ने आगे कहा कि चीन भारतीय पक्ष से आग्रह करता है कि वह चीनी क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करे, हमारी संधियों का पालन करे एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखे। इसके साथ ही सीमा विवाद के समुचित समाधान के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाए।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विभाजित कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बदलने का फैसला आज से लागू हो गया है। भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्य का विशेष दर्जा खत्म करते हुए अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया था।

चीन ने उस समय भी इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाकर लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने से उसका कुछ हिस्सा भी इसमें आ गया है।

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