देश में पहली कोरोना महामारी में भी कई लोग कोरोना पीड़ितों के परिवारों को ठगने का काम कर रहे हैं। दरअसल भारत बदहाल स्वास्थ्य और कालाबाजारी दुनियाभर के सामने आ चुकी है।

भारत के राज्यों में कोरोना वैक्सीन की कालाबाजारी के मामले उजागर हो चुके हैं। इसी कड़ी में अब भाजपा शासित मध्य प्रदेश के इंदौर में सीएमएचओ पूर्णिमा गडरिया के ड्राइवर की गिरफ्तारी हुई है।

बताया जाता है कि इंदौर सीएमएचओ के ड्राइवर पुनीत अग्रवाल ने कोर्ट में जो बयान दिया है। उससे प्रदेश की सियासत में हड़कंप मच गया है।

दरअसल मीडिया से बातचीत के दौरान पुनीत अग्रवाल ने बताया है कि शिवराज सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी के ड्राइवर से उन्होंने इंजेक्शन खरीदे थे।

आपको बता दें कि इंदौर पुलिस ने पुनीत अग्रवाल को रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया था।

पुनीत अग्रवाल ने बताया है कि उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन भाजपा नेता तुलसी सिलावट की पत्नी के ड्राइवर गोविंद से मिला था। जोकि उसका दोस्त है।

पुनीत अग्रवाल का कहना है कि उसे वह इंजेक्शन गोविंद द्वारा 14 हजार में बेचा जाता था। जो कि वह आगे 15 हजार में बेचता था। जब पुनीत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। तो उसे बरामद किया गया इंजेक्शन वह एक पुलिसकर्मी को देने वाला था।

मीडिया से बातचीत के दौरान पुनीत अग्रवाल ने खुलासा किया है कि उसने एक बार नहीं बल्कि पहले भी कई बार भाजपा नेता तुलसी सिलावट की पत्नी के ड्राइवर से इंजेक्शन लिए हैं।

पुनीत अग्रवाल का कहना है कि गोविंद ने उसे यह नहीं बताया था कि वह कहां से इंजेक्शन उपलब्ध करवा रहा है।

इस मामले में भाजपा नेता और मंत्री तुलसी सिलावट का भी बयान सामने आया उनका कहना है कि जिस ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है। वह एक निजी ट्रैवल एजेंसी का है। उसे यह इंजेक्शन कहां से मिले इसकी जांच की जानी चाहिए।

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