सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें छाई हुई हैं। एक तस्वीर है अयोध्या जाते हुए युवक की, जो आह्वान कर रहा है- चलो अयोध्या।

अयोध्या की वही जगह जहां पर अभी किसी भी तरह के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति नहीं दी है यानी मामला सुप्रीम कोर्ट के अंदर है और वहां पर उत्पात मचाने की नजरिए से लोग इकट्ठा हो रहे हैं।

बेरोजगारी के इस माहौल में हिंदुत्व के नाम पर भड़काए गए ये युवा हजारों की संख्या में अयोध्या में जमा हैं।

दूसरी तस्वीर फ्रांस की है जहां पर लोग पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि का विरोध करने के लिए सड़कों उतरे हैं। और इसमें विशेष तस्वीर है उस महिला की जो रेड लाइट पर चढ़कर झंडा लहरा रही है ।

भारत की राजनीति और एक विकसित देश की राजनीति के बीच का ये अंतर इन दोनों युवाओं के हाथ में लहराते हुए झंडों से लगाया जा सकता है।

वो लड़की झंडा लहराकर महंगाई और मिस गवर्नेंस के खिलाफ आवाज उठा रही है तो दूसरी तरफ भारत में ये नवयुवक भगवा झंडा लहरा कर अराजकता का संदेश दे रहा है।

इसी पर आदिवासी नेता छोटूभाई वसावा लिखते हैं-

‘आज फ्रांस के युवा पेट्रोल डीजल के मूल्य वृद्धि के खिलाफ सड़को पर थे और इंडिया मे नेता बेरोजगारी,कालाधन,माल्या-मोदी-चौकसी पर असफलता को छुपाने देश के भविष्य को मंदिर निर्माण के लिए उकसा कर किसी और ले जा रहे है वो आप देख ही रहे है मंदिरो से देश की प्रगति नही होने वाली शिक्षा और रोजगार से होगी देश की प्रगति।’

 

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