जासूसी कांड के सामने आने के बाद से ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार घिरती जा रही है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार पर सीधा आरोप है कि उनके नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की जासूसी कराई गई है। राहुल गांधी की जासूसी की बात सामने आते ही कांग्रेस भड़क गई है।

कांग्रेस ने इस बहाने जमकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है और पीएम मोदी के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह को भी लपेटे में लिया है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र की सरकार ने न सिर्फ राहुल गांधी बल्कि खुद अपने मंत्रियों की भी जासूसी कराई है और उनके फोन की टैपिंग कराई है।

सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार ने राहुल गांधी की फोन टैपिंग कराई है। ये बेहद दुखद है। यह सीधे देशद्रोह का मामला बनता है, इसीलिए गृह मंत्री अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें टैपिंगजीवी करार दिया और कहा कि टैपिंगजीवी, राजनीतिक विरोधियों के साथ साथ अब आप पत्रकार, जज, उद्योगपति, खुद के वरिष्ठ मंत्रियों और आरएसएस तक को नहंी बख्शा. चुन चुन कर सबकी जासूसी और फोन टैपिंग कराई।

विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा कई पत्रकारों ने भी अपने फोन टैपिंग की बात कही है।

खबरों के मुताबिक इस जासूसी कांड में कई मीडिया समूहों के संपादकों की फोन टैपिंग की जा रही थी. करीब 40 भारतीय नागरिकों के फोन टैपिंग की सूचना है।

सुरजेवाला ने कहा कि अबकी बार जासूस सरकार ! वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरुर ने कहा कि इस तरह की जासूसी की घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद चिंताजनक है। इस मामले की स्वतंत्र तरीके से जांच कराए जाने की जरुरत है।

वहीं राहुल गांधी की जासूसी के मामले पर भाजपा पर प्रहार करते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा का नाम अब भारतीय जासूस पार्टी कर देना चाहिए।

इजरायली जासूसी साॅफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत में जासूसी की खबरों पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि देश के लोग ही अब यह कहने लगे हैं कि अबकी बार देशद्रोही जासूसी सरकार।

सुरजेवाला ने कहा कि ये केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया नहीं बल्कि सर्विलांस इंडिया है. मोदी सरकार देश के संविधान की धज्जियां उड़ा रही है।

इस तरह से जासूसी कराने की घटनाओं से पता चलता है कि भाजपा सरकार को संविधान और लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है. ये लोगों के मौलिक अधिकार पर हमला है।

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