भाजपा शासित त्रिपुरा में बीते काफी समय से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। जिसे लेकर मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है।

इस बीच खबर सामने आई है कि त्रिपुरा में पुलिस द्वारा मुसलमानों और उनके धर्म स्थलों के खिलाफ हो रही हिंसा को कवर करने वाले दो महिला पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

दरअसल त्रिपुरा में मुसलमानों के खिलाफ हो रही इस हिंसा पर भाजपा समर्थक मीडिया ने बोलती बंद कर रखी है।

ऐसे में लोगों को निष्पक्षता के साथ सच्चाई दिखाने वाली दो युवा महिला पत्रकारों को गिरफ्तार के मामले में भाजपा सरकार का सोशल मीडिया पर कड़ा विरोध हो रहा है।

महिला पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा की गिरफ्तारी के बाद कई विपक्षी नेताओं के साथ-साथ अब एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी तुरंत उन्हें रिहा करने की मांग की है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के साथ इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प्स ने भी असम पुलिस द्वारा दो महिला पत्रकारों को हिरासत में लिए जाने की जमकर निंदा की है।

इस कड़ी में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि

यह हुकूमत 24 और 25 साल की लड़कियों से इतना डरती क्यों है? वो बेख़ौफ़ होकर अपने सिद्धांतों पर खड़े हो कर सच दिखाने का साहस रखतीं हैं इसलिए?

सबको गोदी मीडिया समझा है क्या? सच दिखाने वालों को मत डराओ, वो कायरों से नहीं डरेंगी।

 

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी कहा था कि भाजपा पत्रकारिता की ”हत्या” करने में जुटी है।

आपको बता दें कि एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क की पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्ण झा को हिंदूवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद के एक समर्थक की शिकायत पर त्रिपुरा पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।

उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपनी मीडिया कवरेज के जरिए त्रिपुरा की सरकार की छवि खराब की है।

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