केंद्र सरकार के शासनकाल में अर्थव्यवस्था का स्तर नीचे गिरता जा रहा है और गरीबी का स्तर बढ़ता जा रहा है। देश का गरीब वर्ग भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका है।

इसी बीच खबर सामने आई है कि मोदी सरकार अब फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोदामों में रखे गए अनाज का कुछ हिस्सा निजी क्षेत्र को सौंपने जा रही है। जिसमें बड़े स्तर पर चावल शामिल है।

इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाने के चलते मोदी सरकार ने ये कदम उठाया है।

खबर के मुताबिक, सरकार द्वारा एफसीआई के गोदामों में रखे गए चावल सब्सिडाइज रेट पर देश की कई निजी डिस्टलरीज को दिए जायेंगे। जिससे बड़े स्तर पर एथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा।

दरअसल गरीब कल्याण योजना के तहत एफसीआई के गोदामों में पड़े अनाज को गरीबों में मुफ्त बांटा जाता है।

लेकिन अब सरकार द्वारा इस अनाज को निजी डिस्टलरीज को दिए जाने के फैसले से इसका बुरा प्रभाव गरीब जनता पर पड़ेगा।

इस मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि अब ग़रीबों का “राशन” शराब डिस्टिलरी को! मोदी है तो यही मुमकिन है।

कृषि एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार द्वारा गरीबों के लिए आरक्षित रखे गया ना आज को इस तरह से निजी क्षेत्र को दिया जाना ठीक नहीं है। क्योंकि भारत में गरीबी का स्तर हर दिन बढ़ रहा है।

इस तरह से खाद्य सुरक्षा उपाय में कमी करना सरकार का गलत फैसला है। मोदी सरकार द्वारा देश को भुखमरी से मुक्त किए जाने का ऐलान किया गया था।

आम जनता को अनाज की जरूरत ज्यादा है ना कि एथेनॉल से बनने वाली चीजों की। यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि आज भी भारत में दुनिया के एक चौथाई लोग भूखे रहते हैं। जबकि सरकारी गोदामों में भारी तादाद में अनाज भरे पड़े रहते हैं।

आपको बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स के लिस्ट में भारत का नाम काफी निचले स्तर पर है। जबकि भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल भी भारत से ऊपर है।

विपक्षी नेताओं द्वारा के बारे आरोप लगाए जा चुके हैं कि मोदी सरकार सिर्फ अमीरो पूंजीपतियों का फायदा सोचती है।

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