केंद्र सरकार द्वारा देश में दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। जिनमें से एक कोरोना वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल अभी चल रहा है। ऐसे में मोदी सरकार द्वारा कोरोना वैक्सीन का देशभर में फ्री में देने का ऐलान हानिकारक साबित हो सकता है।

इसी बीच खबर सामने आई है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल टीका लगाने के 9 दिन बाद एक वालंटियर की मौत हो गई है। देश भर में 26 हजार से ज्यादा लोगों को इस वैक्सीन का टीका लगाया गया था।

अब भोपाल के पीपल्स मेडिकल कॉलेज में 12 दिसंबर को वैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने वाले 47 वर्षीय वालंटियर दीपक मरावी की 21 दिसंबर को मौत हो गई है।

22 दिसंबर को उनके शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। जिसकी शुरुआती रिपोर्ट में जहर मिलने की पुष्टि हुई है। दीपक मरावी के 18 वर्षीय बेटे ने पिता की मौत की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने कोवैक्सीन का टीका लगाया था।

अब पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। जिसमें सामने आएगा कि क्या वैक्सीन का टीका लगवाने से उनकी मौत हुई है या किसी अन्य कारण से।

बताया जा रहा है कि दीपक मरावी की मौत के बाद पीपल्स मेडिकल कॉलेज की थर्ड फेस क्लिनिकल ट्रायल्स टीम ने उन्हें वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए फोन किया था। लेकिन जैसे ही उन्हें निधन की खबर के बारे में बताया गया। तो इसके बाद एग्जीक्यूटिव ने फोन बंद कर दिया।

बेटे आकाश ने बताया कि कोवैक्सीन लगवाने के बाद से ही उनके पिता ने मजदूरी पर जाना बंद कर दिया था। वह कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन कर रहे थे।

19 दिसंबर को उनकी सेहत बिगड़ गई थी। जब उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया तो वह नहीं माने 21 दिसंबर को जब उनका निधन हुआ। तो वह घर में अकेले ही थे।

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