गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाले गए ‘किसान ट्रैक्टर परेड’ के दौरान एक शख्स ने लाल किले के ऊपर चढ़कर धार्मिक झंडा फहराया था, जिसे अब एक सुनियोजित साजिश बताया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के मुताबिक, वही शख्स ऐसा करने के बाद बाइक पर सवार होकर वहां से भाग निकला।
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार उमाशंकर सिंह लिखते हैं, “देखिए लाल क़िले पर धार्मिक झंडा फहराने और FB लाइव करने वाला ये शख़्स किस तरह बाइक से भाग रहा है। ख़ुद बाइक चला के भागा मतलब पूर्वनियोजित तरीक़े से बाइक से आया था ट्रैक्टर से नहीं!”
देखिए लाल क़िले पर धार्मिक झंडा फहराने और FB लाइव करने वाला ये शख़्स किस तरह बाइक से भाग रहा है।
ख़ुद बाइक चला के भागा मतलब पूरनियोजित तरीक़े से बाइक से आया था ट्रैक्टर से नहीं!
पहचान लीजिए इसे। pic.twitter.com/30fuJB6AzQ
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) January 27, 2021
कांग्रेस के राष्ट्रीय सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर गौरव ने वीडियो शेयर करते हुए कहा, “लाल किले पर दंगे करने के बाद दीप सिद्धू इस तरह से वहां से भाग निकले।
किसानों ने उनको पकड़ने की कोशिश की लेकिन एक बाइक उनके लिए पहले से तैयार खड़ी थी। ये सब भाजपा के इशारों पर हुआ है।”
दरअसल, लाल किले पर सिखों के निशान साहिब का झंडा फहराने का आरोप पंजाबी कलाकार दीप सिद्धू पर लग रहा है। बताया जाता है कि ट्रैक्टर परेड से 1 दिन पहले उन्होंने किसानों को उकसाने के लिए भड़काऊ भाषण भी दिया था।
इस मामले पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि दीप सिद्धू किसान आंदोलन का हिस्सा ही नहीं है।
वह सिख नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता है। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता सनी देओल के साथ उनकी तस्वीरें भी मौजूद हैं।
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह का कहना है कि जो लोग हिंसा में शामिल थे वो कोई किसान नहीं बल्कि उनके दुश्मन है।
दिल्ली पुलिस ने 200 लोगों को गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में हुई हिंसा के मामले में हिरासत में लिया है।