देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना मरीज़ दम तोड़ दे रहे हैं। राजधानी दिल्ली में स्थित मैक्स अस्पताल को तो ऑक्सीजन सप्लाई के लिए देर रात दिल्ली हाई कोर्ट का रुख करना पड़ा।

ऐसे हालात इसलिए भी हैं क्योंकि केंद्र सरकार सक्रिय होकर मरीज़ों के लिए अस्पतालों में प्रबंध नहीं करवा पा रही है।

इसी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगते हुए कहा, “भीख मांगिए, उधार मांगिए लेकिन अस्पतालों तक ऑक्सीजन पहुंचिए। हम ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों को मरता हुआ नहीं देख सकते।”

दरअसल, बुधवार को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में केवल रात 9 बजे तक के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बची थी।

इसी के चलते अस्पताल ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जेंट याचिका दायर कर ऑक्सीजन की मांग की, ताकि अस्पताल में भर्ती 1400 मरीज़ों की जान खतरे में न पड़े।

इसके बाद रात 8 बजे कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र को बिना देरी ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने का आदेश दिया। मैक्स अस्पताल तक समय रहते ऑक्सीजन पहुंचा दी गई।

उसके बाद सुनवाई करने वाली पीठ रात 9.20 बजे दुबारा इकठ्ठा हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत नहीं होनी चाहिए।

इसी के साथ कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत होती है तो उसकी जिम्मेदार सरकार होगी।

इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए युथ कांग्रेस के नेशनल कैंपेन इन-चार्ज श्रीवास्तव ने ट्वीट कर लिखा, “अगर ये दिल्ली में हो रहा है, तो सोचिए ग्रामीण भारत में क्या हालात होंगे। शासन का कुल पतन! मोदी, कृपया इस्तीफा दें। किसी सक्षम व्यक्ति को भारत को बचाने दें।”

इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी केंद्र सरकार से इमरजेंसी में ऑक्सीजन सप्लाई की मांग की थी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 20 अप्रैल को केंद्र सरकार से मदद मांगते हुए कहा कि “दिल्ली के अधिकतर अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने वाला है और कुछ ही घंटे में हाहाकार मच सकता है”।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया था कि राजधानी में ऑक्सीजन की घोर किलत है।

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