कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान हर दिन देशभर में तीन से चार लाख मामले सामने आ रहे हैं। बीते साल आई पहले लहर के मुकाबले कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मौतों का आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ गया है। जिसका अहम कारण है अस्पतालों में हुई ऑक्सीजन की कमी।

आज इसका ठीकरा केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर फोड़ा जा रहा है। दरअसल बीते साल आई कोरोना महामारी में की गई अनदेखी की वजह से ही आज हालात ऐसे बन चुके हैं।

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के हालात बेकाबू होते देख कर दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। दरअसल मंगलवार को एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की है।

सुनवाई के दौरान मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि हम उस तरह आंखें मूंद नहीं सकते। जिस तरह से सरकार कर रही है।

दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में अमिकस क्यूरी ने यह जानकारी सांझा की है कि राजधानी में ऑक्सीजन की कमी की वजह से लगातार लोग मर रहे हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार स्थिति को कंट्रोल करने में क्यों नाकाम हुई हैं ?

दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि अगर महाराष्ट्र में इस वक्त ऑक्सीजन की खपत कम हो रही है तो वह ऑक्सीजन के टैंकर दिल्ली में भेज सकते हैं। ताकि लोगों को बचाया जा सके।

किसी भी राजनीतिक दल के नेता ने लोगों से इस बारे में अपील क्यों नहीं की कि अगर किसी को भी ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत ना हो। तो वह उसे वापस लौटा दे ताकि जरूरतमंद लोगों को इसकी आपूर्ति की जा सके।

इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने आईसीएमआर को भी निर्देश जारी किए हैं। जिसमें यह कहा गया है कि लोगों को एक वीडियो क्लिप जारी कर कोरोना संक्रमण के लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाए।

उन्हें बताया जाए कि अगर इस तरह के लक्षण दिखे तो उन्हें क्या करना चाहिए? उन्हें हर अस्पताल आने की जरूरत कब पड़ सकती है? इसके साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इस्तेमाल किस तरह करना है ?

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