हाल ही में हुई दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कई चौंकाने वाले ख़ुलासे किए हैं। आयोग ने बुधवार को ‘फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट’ जारी करते हुए दावा किया है कि दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हुई हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी। जिसमें सबसे ज़्यादा नुकसान मुसलमानों का हुआ है।
दो पन्नों की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंसा के दौरान स्थानीय समर्थन से मुसलमानों के घरों और दुकानों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा गया। साथ ही रिपोर्ट में हिंसा के लिए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को ज़िम्मेदार भी बताया गया है।
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इस रिपोर्ट को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान और सदस्य करतार सिंह कोच्चर के हिंसा प्रभावित इलाके के दौरे के बाद तैयार किया गया है। खान ने बताया कि उनकी टीम ने चांद बाग, जाफराबाद, बृजपुरी, गोकलपुरी, मुस्तफाबाद, शिव विहार, यमुना विहार, भजनपुरा और खजूरी खास सहित विभिन्न इलाकों का दौरा किया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंसा के दौरान ज़्यादा से ज़्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया। उपद्रवियों द्वारा जिस भी मकान और दुकान को आग के हवाले किया उसमें इस दौरान लूटपाट भी की गई।
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रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के बाद लोगों में डर का माहौल है, जिसके चलते वह इन इलाकों से पलायन कर गए हैं। हजारों लोग इन इलाकों से भागकर अपने उत्तर प्रदेश और हरियाणा स्थित गांवों की ओर चले गए। कुछ दिल्ली में ही अपने रिश्तेदारों के पास चले गए। सैकड़ों लोग अब भी समुदाय द्वारा चलाए जा रहे कैंप में रह रहे हैं। कुछ दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे कैंप में रह रहे हैं।
इस रिपोर्ट में हिंसा प्रभावित लोगों को दिए जाने वाली मुआवज़ा की रक़म को भी नाकाफी बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा घोषित मुआवजा इसके लिए पर्याप्त नहीं है। हिंसा प्रबावित लोगों का जीवन फिर से पटरी पर आ सके इसके लिए अधिक मदद की ज़रूरत है। बता दें कि दिल्ली हिंसा में अबतक 53 लोगों की मौत हो चुकी है।